भोपाल। एनआईए ने 15 राज्यों में 22 सितंबर को पीएफआई के ठिकानों पर रेड की थी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने मध्यप्रदेश से भी चार संदिग्धों को उठाया है। इसके बाद से ही एमपी की सियासत भी गरमाई हुई है। शनिवार को दिग्विजय सिंह ने आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद की तुलना पीएफआई से की थी।दिग्गी के इस बयान पर बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने पलटवार किया है। उन्होंने दिग्विजय को ही पीएफआई और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का एजेंट बता दिया। विधायक शर्मा ने कहा, दिग्विजय ऐसे संगठनों के दूत बनकर भारत की जनता को भ्रमित करते हैं। अभी उन्हें कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बनाया जा रहा, इसलिए भी उन्हें पागलपन के दौरे पड़ रहे हैं। घटनाक्रम पर केंद्र सरकार की पूरी नजर है। देश में अपराध करने की छूट किसी को नहीं दी जाएगी। कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने पीएफआई जैसे संगठनों के देशविरोधी कारनामों को सार्वजनिक कर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। मसूद ने कहा, जब केंद्र सरकार और एनआईए के पास पीएफआई के खिलाफ सबूत हैं, तो इनके कारनामों को सामने लाकर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया जा रहा। पीएफआई पर बैन न लगने के कारण सभी प्रदेशों और जिलों में उनके सदस्यों का गठन हो रहा है। मसूद के इस बयान पर भाजपा विधायक ने भी विवादित बयान दिया है। विधायक रामेश्वर शर्मा ने मसूद को सिमी का सदस्य बताया है। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने शनिवार को विवादित बयान देते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की तुलना पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से की थी। दिग्विजय ने कहा था कि जो कोई भी नफरत फैलाता है, वो एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं। उन्होंने PFI के खिलाफ सरकारी कार्रवाई के बाद आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।