समाजवादी पार्टी के महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने भारतीय जनता पार्टी के केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए एक बार फिर से रामचरितमानस पर बयान दिया। उन्होंने एक बार फिर कहा कि राम चरित मानस एक महाकाव्य है, धार्मिक ग्रंथ नहीं। स्वामी प्रसाद मौर्या ने यह बाते अमेठी के गौरीगंज के गढ़ामाफी में सम्राट अशोक की जयंती में आयोजित एक समारोह में शामिल होने के दौरान कही।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि भाजपा पूरे देश में हिंदू मुस्लिम का नारा देकर देश को बांटने की नींव डाल रही है। भाजपा नेता पहले से समाज को बांटने के लिए कमर कसकर काम कर रहे हैं। भाजपा द्वारा चैत्र नवरात्र में हर जगह राम चरित मानस कराने पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि पहले दलित ही राम चरित मानस का पाठ कराते थे। जब उन्हें नीच और अधम कहा जाने लगा तो उन लोगों ने किनारा कर लिया। अब सरकार मजबूरी में राम चरित मानस का पाठ करा रही है। उन्होंने कहा कि जब धर्म की आड़ में नीच और अधम कहा जाएगा तो क्या करेंगे। राम चरित मानस सिर्फ एक महाकाव्य है कोई धार्मिक ग्रंथ नहीं है। कहा कि उच्च न्यायालय पहले ही इस मामले में आदेश जारी कर चुकी है।
उन्होंने भगवान बुद्ध की बात करते हुए कि आज दुनिया में भारत की पहचान भगवान बुद्ध के विचारों से जानी जाती है। केंद्र सरकार को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा देश बेचने पर उतारू है। उसने बंदरगाह, रेलवे स्टेशन, कई ट्रेनों और एलआईसी को भी बेंच दिया। इन्हीं संस्थानों में नौजवानों को नौकरी मिलनी थी। इसका मतलब साफ है कि नौजवानों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ को घेरते हुए उन्होंने कहा की योगी बाबा दादा के पुश्तैनी मकान पर भी बुलडोजर चलवा रहे हैं। बाबाजी आप अमर होकर नहीं आए हैं। पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान मौर्य ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्षी पार्टियां एक होने की दिशा में काम कर रही हैं। अभी चुनाव कौन और कहां से लड़ेगा यह कहना जल्दबाजी होगा।