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कोरोना की दहशत से चीन छोड़ रहे लोग, संक्रमितों को नहीं मिल रहा उचित इलाज”: शंघाई के अस्पताल में कार्यरत डॉ. संजीव चौबे

डॉ. चौबे ने बताया कि एक महीने के बाद चीन का नववर्ष आने वाला है, उससे पहले ही लोगों का एक जगह से दूसरी जगह जाना शुरू हो जाता है. उन्होंने आशंका जताई कि इस दौरान कोरोना की स्थिति और गंभीर हो सकती है और मामले और बढ़ सकते हैं.
चीन (China) में कोरोना (Corona) के कारण हालत बेहद खराब हैं. वहां पर कोरोना से संक्रमित हो रहे लोगों को उचित इलाज तक नहीं मिल रहा है. चीन में कोरोना संक्रमण के केस जिस रफ्तार से सामने आ रहे हैं उससे भारत में चिंता बढ़ गई है. चीन में कोरोना को लेकर कैसे हालात हैं, यह हर कोई जानना चाहता है. ऐसे में शंघाई के सुनटेक अस्पताल में करीब 10 साल से काम कर रहे डॉक्टर संजीव चौबे से NDTV ने बातचीत की. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में मामले और बढ़ सकते हैं.
डॉ. संजीव चौबे ने बताया कि शंघाई में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर ठीक है, हालांकि देश के दूसरे इलाकों में यह अच्छा नहीं है. ऐसे में अलग-अलग जगह से मरीजों को शंघाई भेजा जा रहा है. उन्होंने कहा कि यहां पर घबराहट की स्थिति है. उन्होंने कहा कि स्टॉफ पॉजिटिव है और उन्हें मरीजों को भी देखना है. ऐसे में गंभीर मरीजों पर ही फोकस किया जा रहा है. डॉक्टर भी बीमार हैं और ऐसी स्थिति के लिए वो तैयार नहीं थे.
डॉ. चौबे ने बताया कि एक महीने के बाद चीन का नववर्ष आने वाला है, उससे पहले ही लोगों का एक जगह से दूसरी जगह जाना शुरू हो जाता है. उन्होंने आशंका जताई कि इस दौरान कोरोना की स्थिति और गंभीर हो सकती है और मामले और बढ़ सकते हैं. मार्च के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी.
उन्होंने भारत को लेकर कहा कि हम इस महामारी को हम पहले झेल चुके हैं और इसे लेकर अलर्ट रहने की जरूरत है. जल और वायु मार्ग पर सावधान रहने की जरूरत है. यात्रा को टाल दें, बाहर से कोई चीज न लेकर आएं. उन्होंने कहा कि लोगों को खुद अलर्ट रहना है.
उन्होंने कहा कि कोरोना 2020 में वुहान से शुरू हुआ था और उसके बाद पूरी दुनिया में फैल गया. सब यही सोचते हैं कि वहीं से ही इसका ऑरिजन है और अब वहां पर भयावह रूप ले लिया है तो कहां पर जाएगा.
डॉ. चौबे ने लोगों को डर है कि जो लोग चीन से बड़ी संख्या में लोग दूसरे देशों में जा रहे हैं, यह करियर हो सकते हैं. जो दूसरे देशों में जाकर इसको फैला सकते हैं. उन्होंने कहा कि यदि वायरस में म्यूटेशन होता है और वैक्सीन अगर काम न करे तो चिंता की बात है.
उन्होंने चीन के लोगों की खाने की आदतों को लेकर के भी सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि चीन की खाने की आदतें अजीब है. साथ ही उन्होंने कहा कि चीन में यह सोचा गया था कि सभी को वैक्सीनेट करने से इम्यूनिटी बन जाएगी, लेकिन लेकिन चीन ऐसा नहीं कर पाया. लोग सोच रहे थे कि वैक्सीन लग गई है, लॉकडाउन है तो कोविड नहीं होगा. हालांकि अब अचानक सब खुला तो सब दहशत में आ गए.
उन्होंने कहा कि भारत में जनसंख्या घनत्व काफी है. अन्य देशों में ऐसा नहीं होता है. उन्होंने कहा कि हम मास्क लगाना भूल जाते हैं, हाथों की सफाई को भूल जाते हैं और यह समझना होगा कि कोरोना गया नहीं है. हो सके तो ट्रैवल को अवॉइड करें. वैक्सीनेशन का ध्यान रखें और बूस्टर डोज भी लें. भीडभाड़ में जाने की जरूरत नहीं है.

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