लखनऊ में निर्माणाधीन फोरेंसिक विज्ञान संस्थान के संचालन के संबंध में शुक्रवार को लोक भवन स्थित गृह विभाग के कमांड सेंटर में अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई. इसमें शिक्षण कार्य शुरू करने की कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। बैठक में निर्णय लिया गया कि आगामी शैक्षणिक सत्र 2023-24 तक इस संस्थान में अध्ययन कार्य शुरू किया जा सकता है।
अपर मुख्य सचिव गृह ने उत्तर प्रदेश राज्य विधि विज्ञान संस्थान के शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक संवर्गों के चयन एवं पात्रता नियमावली तैयार करने के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिये हैं. बैठक में इस संस्थान के लिए सृजित पदों पर शीघ्र नियुक्तियों को लेकर भी चर्चा हुई.
जून-जुलाई से शुरू हो सकते हैं डिप्लोमा कोर्स
बैठक में इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंस में अगले जून-जुलाई से डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करने की रूपरेखा तैयार की गई है. इस संस्थान के लिए स्वीकृत पदों पर नियमानुसार भर्ती की प्रक्रिया भी जल्द शुरू की जाएगी। इस विश्वविद्यालय में सरकार द्वारा शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक संवर्ग के कुल 131 पद सृजित किए गए हैं। इन पदों पर नियुक्तियां प्रतिनियुक्ति के आधार पर और सीधी भर्ती के जरिए की जाएंगी।
अपराध नियंत्रण में तकनीक के इस्तेमाल के लिए बन रहा विश्वविद्यालय
एसीएस होम ने बताया कि यूपी स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज की स्थापना का मुख्य उद्देश्य बेहतर पुलिसिंग, अपराध नियंत्रण, फोरेंसिक विज्ञान के क्षेत्र में क्षमता निर्माण, वैज्ञानिक संस्थानों के बारे में जागरूकता और वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास करना है. पढ़ाई के अलावा पुलिस, अभियोजन पक्ष, फोरेंसिक वैज्ञानिकों और न्यायिक अधिकारियों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे राज्य के पुलिस और न्याय विभाग के अधिकारियों की पेशेवर दक्षता बढ़ेगी और अदालत के काम में आसानी होगी।