विश्वकर्मा अहमदाबाद के निकोल विधान सभा से विधायक हैं।
गुजरात सरकार में सहकारिता राज्यमंत्री जगदीश विश्वकर्मा (पांचाल)भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष बन गए हैं। कुछ ही देर में भाजपा के प्रदेश कार्यालय कमलम में उनका शपथ ग्रहण होगा। जगदीश पंचाल गुजरात भाजपा के 14वें प्रदेश अध्यक्ष हैं। वे केंद्रीय मंत्री सीआर प
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गुजरात भाजपा अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए शुक्रवार को नामांकन करने की मियाद खत्म होने तक केवल विश्वकर्मा का पर्चा दाखिल हुआ। इस तरह शुक्रवार को ही उनका निर्विरोध चुनाव सुनिश्चित हो गया था। गुजरात भाजपा के अध्यक्ष पद के पर्यवेक्षक केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव हैं। गुजरात भाजपा इकाई में कुल 292 सदस्य हैं। ये सदस्य ही राज्य इकाई के अध्यक्ष का चुनाव करते हैं।
कौन हैं जगदीश विश्वकर्मा 12 अगस्त, 1973 को अहमदाबाद में जन्म हुआ। उन्होंने बीए और मार्केटिंग में एमबीए किया है। परिवार टेक्सटाइल मशीनरी के बिजनेस से जुड़ा हुआ है। पांचाल का राजनीतिक सफर 1998 में बीजेपी के बूथ इंचार्ज के रूप में हुआ। अहमदाबाद के निकोल से लगातार तीन टर्म से विधायक हैं। भूपेंद्र पटेल के मंत्रीमंडल में स्वतंत्र प्रभार के साथ राज्य स्तरीय मंत्री हैं।
पूरी 182 सीटें न जीत पाने के लिए मैं माफी मांगता हूं: पाटिल इस मौके पर मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल ने कहा- नए अध्यक्ष जगदीश पांचाल अब गुजरात के कप्तान बन गए हैं। हर कार्यकर्ता उनके साथ चलेगा। बीजेपी का अश्वमेध यज्ञ का घोड़ा आगे चल रहा है। मुझे माफ करना। क्योंकि, पिछले चुनावों में हम तीन लाख वोट और लाते तो गुजरात की पूरी 182 सीटें जीत लेते। लेकिन हम 156 सीटें ही जीत सके थे, जिसका मुझे हमेशाअफसोस रहेगा।
सीआर पाटिल ने आगे कहा- भाजपा एक अनुशासित पार्टी है। जो चाहे उसे जनादेश मिलता है। हम उसे स्वीकार करते हैं। भाजपा कार्यकर्ताओं को जीतने की आदत है। हमें इस संकल्प के साथ आगे बढ़ते रहना है कि हमारा जन्म जीतने के लिए ही हुआ है। मैं सभी मतदाताओं और कार्यकर्ताओं का धन्यवाद करता हूं।
पिछले चुनावों में BJP ने जीती थीं 156 सीटें गुजरात में साल 2022 में हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने 182 में से 156 सीटें (86%) जीती थीं। यह राज्य के 62 साल के इतिहास में किसी पार्टी की सबसे बड़ी जीत है। पिछले चुनावों की खास बात यह रही कि एंटी इन्कंबेंसी नहीं रहीं। क्योंकि, भाजपा ने पिछले चुनाव में जीती 92 सीटें भी जीत ली थीं।
वहीं, 2017 के चुनावों में 77 सीटें जीतने वाली कांग्रेस 17 सीटों पर ही सिमट गई थी। कांग्रेस पार्टी 33 से 22 जिलों में खाता भी नहीं खोल पाई थी। वहीं, आम आदमी पार्टी (AAP) ने 5 सीटें जीती थीं।