भरतपुर में महाराजा सूरजमल और डॉ. भीमवराव अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित करने के मामले ने विवाद का रूप ले लिया है। बुधवार देर रात को ग्रामीण सड़कों पर उतर आए और आग लगा दी। पुलिस मौके पर पहुंची तो उस पर भी पथराव शुरू कर दिया।
मामला जिले के नदबई इलाके का है। रात 8 बजे शुरू हुआ हंगामा, बवाल करीब 2 बजे तक चलता रहा। अब माहौल तनावपूर्ण है। लोगों को हटाने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े।
दरअसल, नगर पालिका नदबई इलाके में 3 जगह मूर्तियां लगा रही है। संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा की अध्यक्षता में कमेटी ने तय किया कि, कुम्हेर चौराहे पर महाराजा सूरजमल, बैलारा चौराहे पर बाबा साहब भीम राव अंबेडकर और नगर चौराहे पर भगवान परशुराम की मूर्ति लगाई जाएगी। पर स्थानीय लोगों की मांग है कि नदबई का मुख्य चौराहा बैलारा है, ऐसे में महाराजा सूरजमल की प्रतिमा बैलारा चौराहे पर लगनी चाहिए।
इसी मांग को लेकर लोगों ने धरना भी दिया। तब पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने बयान दिया था कि आप जो चाहते हैं, वही होगा आप धरना खत्म कीजिए। इस बीच बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई और मंत्री बोले- बैलारा चौराहे पर बाबा साहब भीम राव अंबेडकर और डेहरा मोड चौराहे पर महाराजा सूरजमल की मूर्ति लगाई जाए। बस इसी को लेकर विरोध शुरू हो गया है।पीसी के साथ ही एक लेटर भी जारी कर दिया गया, जिसमें डेहरा मोड पर महाराजा सूरजमल और बैलारा चौराहे पर बाबा साहब भीम राव अंबेडकर की प्रतिमा लगाने की बात कही गई। जैसे ही यह लेटर और मंत्री का बयान गांव के लोगों तक पहुंचा तो नदबई में इसका विरोध शुरू हो गया।
लोग मांग करने लगे कि बैलारा चौराहे पर महाराजा सूरजमल की मूर्ति लगनी चाहिए। इसके बाद आसपास के गांव के लोग बैलारा चौराहे की तरफ बढ़ने लगे। प्रशासन को आशंका थी कि कहीं मूर्ति लगाने वाले गुम्बद को न तोड़ दिया जाए, इसलिए बैलारा चौराहे पर पुलिस तैनात कर दी।