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एचपीएससी को भंग करें, नए सिरे से हो वेटरनरी सर्जन की परीक्षा: कुमारी सैलजा

चंडीगढ़, 29 जनवरी। अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी की महासचिव एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी करने वाले हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एसपीएससी) को तुरंत प्रभाव से भंग करते हुए इसका पुनर्गठन किया जाना चाहिए। जिस तरह से वेटरनरी सर्जन की भर्ती पर लगातार सवाल उठ रहे हैं, उसे देखते हुए भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार के कार्यकाल के दौरान की गई अन्य भर्तियां भी संदेह के दायरे में आ गई हैं। ऐसे में बिना देरी के एचपीएससी को भंग किया जाना ही सबसे उचित कदम साबित होगा।

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि वेटरनरी सर्जन की लिखित परीक्षा को पास कराने की एवज में साल 2021 में एचपीएससी के डिप्टी सेक्रेटरी को करोड़ों रुपये के साथ पकड़ा गया था। नोटों से भरे सूटकेस मिलने से साफ हो गया था कि गठबंधन सरकार में क्लास-वन व टू की नौकरियों के लिए भारी-भरकम रिश्वत चल रही है। इस मामले में निष्पक्ष जांच न करके प्रदेश सरकार ने बड़े-बड़े मगरमच्छों को बचा लिया था, जो पर्दे के पीछे से पूरा रैकेट चला रहे थे। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अब लुवास हिसार में जिस तरह से एचपीएससी पर केंद्रीय पशुपालन मंत्री ने सवाल खड़े किए हैं, वह किसी भी प्रशिक्षित एवं शिक्षित युवा को अंदर से हिलाने वाले हैं। मंत्री के आरोपों से पता चलता है कि एचपीएससी में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। वेटरनरी सर्जन की परीक्षा में बैठने वाले युवा जो भी आरोप लगा रहे थे, मंत्री के कथन से उनकी पुष्टी भी हो रही है। फिर भी गठबंधन सरकार की चुप्पी हैरान करने वाली है।
कुमारी सैलजा ने कहा कि युवाओं को सरकारी नौकरी देने के लिए बनाए गए हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी) व हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) बेरोजगारों से वसूली करने वाले बन गए हैं। प्रश्न पत्र सैट कराने में खुद की गलती को छिपाने के लिए ही परीक्षार्थियों से मुंहमांगा आपत्ति शुल्क वसूला जा रहा है। भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार को इस आपत्ति शुल्क को तुरंत प्रभाव से खत्म कराना चाहिए, ताकि बेरोजगारों की जेब और अधिक कटने से बच सके। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एचपीएससी ने वेटरनरी सर्जन की लिखित परीक्षा में गलत उत्तर पर आपत्ति जताने के लिए 250 रुपये प्रति सवाल फीस तय कर दी है। अगर कोई परीक्षार्थी एक साथ 26-26 सवालों पर आपत्ति जताएगा तो उसे कई-कई हजार रुपये खर्च करने होंगे। इस तरह प्रत्येक प्रश्न पर 250 रुपये तय करना बिल्कुल भी सही नहीं है। एचपीएससी को अपने नियम में बदलाव करते हुए इस फीस को परीक्षार्थियों के हित में निरस्त कर देना चाहिए। कुमारी सैलजा ने कहा कि इससे पहले सीईटी परीक्षा के गलत जवाबों की आपत्ति पर एचएसएससी और एचटेट में गलत जवाबों को लेकर हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भी परीक्षार्थियों से मनमानी फीस वसूल चुके हैं। इससे सिद्ध होता है कि परीक्षा लेने वाले आयोग और बोर्ड की कार्यशैली पर कोई सवाल न उठा सके, इसलिए ही भारी-भरकम फीस तय की गई है।

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