US Archives - Karnavati 24 News https://karnavati24news.com/news/tag/us Sun, 23 Mar 2025 10:23:37 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.2 https://karnavati24news.com/wp-content/uploads/2020/07/2020-07-28-2.png US Archives - Karnavati 24 News https://karnavati24news.com/news/tag/us 32 32 गुजरात के पिता-बेटी की अमेरिका में हत्या: शराब स्टोर खोलते ही आरोपी ने दोनों पर की फायरिंग, 7 साल पहले US शिफ्ट हुआ था परिवार https://karnavati24news.com/news/30064 https://karnavati24news.com/news/30064#respond Sun, 23 Mar 2025 10:23:37 +0000 https://karnavati24news.com/?p=30064 महेसाणा5 मिनट पहले कॉपी लिंक बीते गुरुवार (20 मार्च) की घटना। शराब स्टोर में काम करते थे पिता-बेटी। अमेरिका के वर्जीनिया में एक भारतीय मूल के पिता और बेटी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मृतक प्रदीप पटेल (56) और उनकी बेटी उर्वी (24) एक स्टोर में काम करते...

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महेसाणा5 मिनट पहले

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बीते गुरुवार (20 मार्च) की घटना। शराब स्टोर में काम करते थे पिता-बेटी।

अमेरिका के वर्जीनिया में एक भारतीय मूल के पिता और बेटी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मृतक प्रदीप पटेल (56) और उनकी बेटी उर्वी (24) एक स्टोर में काम करते थे।

गुरुवार सुबह प्रदीप और उर्वी ने स्टोर खोला ही था कि तभी एक अश्वेत शख्स ने दोनों पर गोलीबारी की और फरार हो गया। प्रदीप की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उर्वी ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

पुलिस ने बताया कि वारदात वाले दिन आरोपी पूरी रात स्टोर के बाहर बैठा रहा था। सुबह स्टोर खुलते ही अंदर दाखिल हुआ और दोनों पर फायरिंग कर दी। वारदात के दो घंटे बाद ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

हत्या का आरोपी जॉर्ज फ्रेजियर वर्जीनिया।

हत्या का आरोपी जॉर्ज फ्रेजियर वर्जीनिया।

रात में स्टोर न खुलने से नाराज था आरोपी

पुलिस के मुताबिक, हत्या के आरोपी जॉर्ज फ्रेजियर ने पूछताछ में बताया कि वह रात में शराब लेने आया था, लेकिन स्टोर बंद था। वह इसी बात से गुस्सा था कि स्टोर रात में क्यों नहीं खुला था। इसीलिए वह रात भर स्टोर के बाहर बैठा रहा और सुबह दोनों को गोली मार दी।

7 साल पहले अमेरिका गया था परिवार

प्रदीप पटेल मूल रूप से गुजरात में महेसाणा जिले के कनोदा गांव के रहने वाले थे। यहां वे इलेक्ट्रॉनिक शॉप चलाते थे। 7 साल पहले पत्नी हंसाबेन और बेटी उर्वी के साथ वे अमेरिका में बस गए थे। वे और उनकी बेटी वर्जीनिया में एक स्टोर में काम करते थे।

स्टोर मालिक पाटेश पटेल ने बताया कि प्रदीप मेरे चचेरे भाई हैं। मेरा स्टोर प्रदीपभाई और उर्वी ही संभालते थे। गुरुवार सुबह मुझे फोन फोन पर हादसे की जानकारी मिली।

प्रदीपभाई और उनकी बेटी उर्वी की फाइल फोटो।

प्रदीपभाई और उनकी बेटी उर्वी की फाइल फोटो।

दूसरी बेटी अहमदाबाद और तीसरी कनाडा में रहती है

मृतक के चाचा चंदूभाई महेसाणा के कानोदा में रहते हैं। उन्होंने बताया कि प्रदीपभाई के बेटी उर्वी की तीन साल पहले ही अमेरिका में रहने वाले और मूल रूप से गुजराती युवक से शादी हुई थी। प्रदीपभाई की दूसरी बेटी अहमदाबाद और तीसरी बेटी कनाडा में रहती है।

महेसाणा के कानोदा में रहने वाले मृतक प्रदीपभाई के चाचा चंदूभाई।

महेसाणा के कानोदा में रहने वाले मृतक प्रदीपभाई के चाचा चंदूभाई।

खबरें और भी हैं…

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6 महीने की यातनाएं सहीं, अमेरिका पहुंचते ही पकड़ा गया: 35 लाख रुपए लेकर युवक को अवैध रूप से यूएस भेजने वाले दो एजेंटों पर एफआईआर – Gujarat News https://karnavati24news.com/news/29617 https://karnavati24news.com/news/29617#respond Tue, 11 Mar 2025 13:11:52 +0000 https://karnavati24news.com/?p=29617 सूरत के पंकज रावत ने करीब 6 महीने पहले अमेरिका जाने के लिए घर छोड़ा, तो उसकी आंखों में सपने थे-एक बेहतर भविष्य, समृद्धि के। लेकिन किसे पता था कि यह सफर उसे सफलता की ओर नहीं, बल्कि बेड़ियों में जकड़े एक अपराधी की तरह भारत वापस ले आएगा। पंकज...

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सूरत के पंकज रावत ने करीब 6 महीने पहले अमेरिका जाने के लिए घर छोड़ा, तो उसकी आंखों में सपने थे-एक बेहतर भविष्य, समृद्धि के। लेकिन किसे पता था कि यह सफर उसे सफलता की ओर नहीं, बल्कि बेड़ियों में जकड़े एक अपराधी की तरह भारत वापस ले आएगा। पंकज रावत ने यू

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प्रतीकात्मक फोटो।

अमेरिका पहुंचते ही पकड़ा गया अमेरिका में आवास, भोजन और काम दिलाने के बहाने 35 लाख रुपए वसूलने के बाद दो एजेंट अवैध रूप से अमेरिका में घुसपैठ कर गए। गुयाना, बेलीज़, पेरू, कोलंबिया, पनामा और मैक्सिको के खतरनाक जंगलों में छह महीने की यातना के बाद, टिकैट सीमा पार कर संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रवेश कर गया। छह महीने तक कष्ट सहने के बाद अमेरिका पहुंचने पर अमेरिकी पुलिस ने युवक को गिरफ्तार कर लिया, 14 दिन तक हिरासत में रखा और फिर भारत भेज दिया। इस मामले में हरियाणा में शिकायत दर्ज होने के बाद उसे सूरत स्थानांतरित कर दिया गया और क्राइम ब्रांच में एजेंटों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

सूरत के डिंडोली के रामी पार्क सोसायटी निवासी 36 वर्षीय पंकज रावत रामेश्वरदास एक कंपनी में काम करता था। पंकज अमेरिका जाना चाहता था। जनवरी 2024 में उसकी मुलाकात अब्दुल और प्रदीप से हुई। दोनों ने खुद को एजेंट बताया और कई लोगों को अमेरिका भेजने की बात कही। उन्होंने अमेरिका में आवास, भोजन और रोजगार उपलब्ध कराने का भी वादा किया।

प्रतीकात्मक फोटो।

प्रतीकात्मक फोटो।

दोनों एजेंट्स को 35 लाख रुपए दिए दोनों ने अमेरिका में रहने, खाने और काम के लिए 35 लाख रुपए मांगे थे। पंकजभाई ने सचिन के घर पर अब्दुल को 20 लाख रुपए दिए। इसके बाद अब्दुल ने पंकज को दिल्ली के अशोक विहार बुलाया, जहां उसने 15 लाख रुपये नकद लिए। फिर 6-8-24 को अब्दुल ने मुंबई एयरपोर्ट से गुयाना का टिकट खरीदा और गुयाना के टिमरी एयरपोर्ट पर पंकजभाई को भेज दिया। एक अन्य एजेंट प्रदीप व्हाट्सएप पर लगातार संपर्क में था। गुयाना पहुंचकर अब्दुलना डोनकर ने पंकजभाई से सिम कार्ड और पासपोर्ट ले लिया।

पंकज को 25 दिनों तक एक घर में बंधक बनाकर रखा इसके बाद पंकज को गुयाना से खतरनाक जंगलों के रास्ते टैक्सी से ब्राजील भेज दिया गया। 10 दिन ब्राजील में रहने के बाद अब्दुल डोनकर ने पंकज को बस के जरिए ब्राजील से पेरू भेज दिया। फिर टैक्सी द्वारा पेरू से इक्वाडोर भेजा गया। इक्वाडोर में अब्दुल के डोनकर ने पंकज को पच्चीस दिनों तक बंदी बनाकर रखा। इसके बाद कोलंबिया के मॉन्टेरी में एक घर में चार महीने तक बंदी बनाकर रखा। जब परेशान होकर पंकज ने दोनों से पैसे वापस मांगे तो उन्होंने देने से इंकार कर दिया और विदेश में जान से मारने की धमकी भी दी। इसके बाद डोनकर ने पंकज को पनामा के जंगलों में भेज दिया।

अमेरिका में प्रवेश करते ही पुलिस ने पकड़ लिया पनामा से पंकज को कोस्टा रिका भेज दिया गया। वहां से उन्हें बस द्वारा होंडुरास भेजा गया, होंडुरास से निकारागुआ और फिर ग्वाटेमाला भेजा गया। ग्वाटेमाला में 15 दिन रोकने के बाद मैक्सिको सिटी भेज दिया गया और 1 फरवरी 2025 को टिकैट बॉर्डर के जरिए अमेरिका में प्रवेश करा दिया। लेकिन अमेरिका में दाखिल होते ही पंकज को यूएस पुलिस ने पकड़ लिया। इसके बाद उन्हें 14 दिनों के लिए गिरफ्तार कर लिया गया और अमेरिका से एक सैन्य जहाज से भारत भेज दिया गया।

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अमेरिका से लौटी एक महिला ने सुनाई दास्तां: डिटेंशन सेंटर में हमें सोने नहीं देते थे, मुझे और बच्चों को पति से अलग कर दिया गया था – Gujarat News https://karnavati24news.com/news/28759 https://karnavati24news.com/news/28759#respond Tue, 18 Feb 2025 12:16:02 +0000 https://karnavati24news.com/?p=28759 33 गुजरातियों में 11 बच्चे भी शामिल हैं। सभी बच्चे 10 वर्ष से कम उम्र के हैं। अमेरिका में अवैध तरीके से रह रहे भारतीयों का तीसर बैच 16 फरवरी को रात 10 बजे अमृतसर एयरपोर्ट पर लैंड हुआ। अमेरिकी एयरफोर्स के C-17 A ग्लोबमास्टर विमान में 112 लोगों आए...

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33 गुजरातियों में 11 बच्चे भी शामिल हैं। सभी बच्चे 10 वर्ष से कम उम्र के हैं।

अमेरिका में अवैध तरीके से रह रहे भारतीयों का तीसर बैच 16 फरवरी को रात 10 बजे अमृतसर एयरपोर्ट पर लैंड हुआ। अमेरिकी एयरफोर्स के C-17 A ग्लोबमास्टर विमान में 112 लोगों आए हैं। इनमें हरियाणा के 44 और पंजाब के 33 और गुजरात के 33 लोग शामिल हैं। इन 33 गुजरा

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तीसरे जत्थे में अमेरिका से लौटे 33 गुजरातियों में से एक महिला ने अहमदाबाद पुलिस को अपनी आपबीती सुनाई। अमेरिका में डिटेंशन सेंटर में ले जाने के बाद जब उन्हें हिरासत केंद्र में ले जाया गया तो उन्हें, पति से अलग कर दिया गया था। महिला ने कह- जब हमें वापस भेजने के लिए विमान में बैठाया तो मुझे पति को देखकर राहत मिली।

अलग-अलग बैरक में रखा गया था पति को पहले दिन से ही हमसे दूर कर दिया गया था इसलिए मुझे और बच्चों को उनकी चिंता लगी रहती थी। दूसरी तरफ मुझे और मेरे बच्चे को अलग बैरक में रखा गया था। मेरा बच्चा छोटा था। इसलिए हमेशा डर लगा रहता था कि उसे किसी चीज की जरूरत पड़ी तो क्या होगा। सुरक्षा गार्डों को हमारी परेशानियों से कोई लेना-देना नहीं था। वे केवल समय पर खाना देने का काम करते थे और जब हम पूछते थे कि मेरे पति कहां हैं तो वे बिना कुछ बताए चले जाते थे।

पति को विमान में देखा तो चैन की सांस ली सुरक्षा गार्ड हमें सोने नहीं देते थे। वे हर घंटे आकर हमें जगा देते थे, जिसकी वजह से हम और मानसिक रूप से परेशान रहते थे। आखिरकार हमें पता चला कि हमें वापस भारत ले जाया जा रहा है। मेरी आंखें पति को खोज रही थीं और आखिरकार विमान में उन्हें देखकर चैन की सांस ली।

लौटे लोगों में एक दम्पति भी शामिल अमेरिका से वापस लाए गए 33 गुजरातियों में अहमदाबाद का एक दम्पति भी शामिल है। अहमदाबाद शहर के नारणपुरा इलाके में सीमंधर स्टेटस फ्लैट्स में रहने वाले चिरागभाई पटेल और हिमांशी पटेल भी वापस लौटेंगे। दिव्य भास्कर जब उनके घर पहुंचे तो चिरागभाई पटेल की मां घर पर ही मौजूद थीं। उन्होंने दिव्य भास्कर से बात करने से मना कर दिया। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि उनके बेटे और बहू दो महीने पहले अमेरिका चले गए थे और आज लौट रहे हैं। उन्होंने आगे कोई भी जानकारी देने से इनकार कर दिया।

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US से डिपोर्ट किए गए और 33 गुजराती अहमदाबाद पहुंचे: इनमें 10 साल से कम उम्र के 11 बच्चे भी शामिल, अब तक 332 भारतीय स्वदेश लौटे – Gujarat News https://karnavati24news.com/news/28697 https://karnavati24news.com/news/28697#respond Mon, 17 Feb 2025 10:30:45 +0000 https://karnavati24news.com/?p=28697 33 गुजरातियों में 11 बच्चे भी शामिल हैं। सभी बच्चे 10 वर्ष से कम उम्र के हैं। अमेरिका में अवैध तरीके से रह रहे भारतीयों का तीसर बैच 16 फरवरी को रात 10 बजे अमृतसर एयरपोर्ट पर लैंड हुआ। अमेरिकी एयरफोर्स के C-17 A ग्लोबमास्टर विमान में 112 लोगों आए...

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33 गुजरातियों में 11 बच्चे भी शामिल हैं। सभी बच्चे 10 वर्ष से कम उम्र के हैं।

अमेरिका में अवैध तरीके से रह रहे भारतीयों का तीसर बैच 16 फरवरी को रात 10 बजे अमृतसर एयरपोर्ट पर लैंड हुआ। अमेरिकी एयरफोर्स के C-17 A ग्लोबमास्टर विमान में 112 लोगों आए हैं। इनमें हरियाणा के 44 और पंजाब के 33 और गुजरात के 33 लोग शामिल हैं। इन 33 गुजरा

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4 लोग अहमदाबाद पहुंचे, 29 दोपहर तक पहुंचेंगे

अमेरिका से अमृतसर आए 33 गुजरातियों में से चार पहले ही यात्री विमान से अहमदाबाद हवाई अड्डे पर पहुंच चुके थे। जबकि अन्य 29 दोपहर में आने वाली दूसरी फ्लाइट से अहमदाबाद पहुंचे। अमृतसर से अहमदाबाद आने वाली फ्लाइट से आए चार लोगों में से मेहसाणा, सुरेंद्रनगर और गांधीनगर के एक-एक व्यक्ति को पुलिस ने एयरपोर्ट से बाहर निकालकर उनके गृहनगर भेज दिया। जबकि एक व्यक्ति फिलहाल एयरपोर्ट पर मौजूद है। उनके रिश्तेदार उनका इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि वे दूसरी उड़ान से आ रहे हैं।

दो महीने पहले अमेरिका गए दंपत्ति वापस लौटे

अमेरिका से वापस लाए गए 33 गुजरातियों में अहमदाबाद का एक दम्पति भी शामिल है। अहमदाबाद शहर के नारणपुरा इलाके में सीमंधर स्टेटस फ्लैट्स में रहने वाले चिरागभाई पटेल और हिमांशी पटेल भी वापस लौटेंगे। दिव्य भास्कर जब उनके घर पहुंचे तो चिरागभाई पटेल की मां घर पर ही मौजूद थीं। उन्होंने दिव्य भास्कर से बात करने से मना कर दिया। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि उनके बेटे और बहू दो महीने पहले अमेरिका चले गए थे और आज लौट रहे हैं। उन्होंने आगे कोई भी जानकारी देने से इनकार कर दिया।

6 फरवरी को 33 लोग अहमदाबाद आए

अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले 104 भारतीयों, जिनमें 33 गुजराती भी शामिल थे, को 5 फरवरी को अमेरिकी वायुसेना के विमान से अमृतसर लाया गया, जहां से 33 गुजराती 6 फरवरी की सुबह विमान से अहमदाबाद हवाई अड्डे पर पहुंचे। निर्वासित गुजरातियों में 28 उत्तर गुजरात से थे, जबकि 4 मध्य गुजरात से और एक दक्षिण गुजरात से था।

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कई महिलाएं अमेरिकी नागरिकता के लिए मुझसे स्पर्म लेती हैं: स्पर्म डोनर काइल गोर्डी ने कहा- भारतीय महिलाएं भी मेरी ग्राहक, 10 देशों में 101 बच्चों का पिता – Gujarat News https://karnavati24news.com/news/28411 https://karnavati24news.com/news/28411#respond Mon, 10 Feb 2025 09:37:52 +0000 https://karnavati24news.com/?p=28411 भारतीय महिलाएं विशेष रूप से मुझसे स्पर्म लेती हैं, क्योंकि इसी के चलते उन्हें अमेरिका की नागरिकता मिलती है। फिलहाल दो अन्य भारतीय महिलाओं से मेरी डील हो रही है। एक बार जब उनसे मुलाकात तय हो जाएगी, तो उन्हें भी स्पर्म उपलब्ध कराने मैं भारत आऊंगा। ये श ....

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भारतीय महिलाएं विशेष रूप से मुझसे स्पर्म लेती हैं, क्योंकि इसी के चलते उन्हें अमेरिका की नागरिकता मिलती है। फिलहाल दो अन्य भारतीय महिलाओं से मेरी डील हो रही है। एक बार जब उनसे मुलाकात तय हो जाएगी, तो उन्हें भी स्पर्म उपलब्ध कराने मैं भारत आऊंगा। ये श

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कार्ली कहते हैं कि अमेरिका में ‘अवैध’ रूप से प्रवेश करने वाले भारतीयों को अमेरिका की नागरिकता के लिए बच्चे पैदा करने की जरूरत होती है। वर्तमान में तीन महिला इमिग्रेंट्स ने उनसे स्पर्म लिए हैं। काइल कहते हैं कि कई भारतीय महिलाओं ने भी मुझसे स्पर्म लिया है।

अगस्त तक 101 बच्चों के पिता बन जाएंगे काइल अमेरिका के लॉस एंजिल्स में रहने वाले 32 वर्षीय काइल गौडी कहते हैं कि अब तो मुझे स्पर्म डोनेट करने के लिए दुनिया के कई देशों की यात्रा करनी पड़ती है। मैं अपना अधिकांश समय यूरोपीय देशों में बिताता हूं, इसलिए मेरे बच्चे वहां अधिक हैं। मैंने 22 साल की उम्र में स्पर्म डोनेट कर शुरू किया था। 2014 से अब तक मेरे स्पर्म से 87 बच्चे पैदा हो चुके हैं और 14 महिलाएं वर्तमान में गर्भवती हैं। इसलिए अगस्त तक मैं 101 बच्चों का पिता हो जाऊंगा।

स्पर्म के साथ मुफ्त अमेरिकी नागरिकता! भारतीय महिलाओं के स्पर्म लेने के सवाल पर काइल कहते हैं- मेरे ग्राहकों में अब भारतीय महिलाओं की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। क्योंकि, मां बनने से उन्हें अमेरिका की नागरिकता मिलने में आसानी हो जाती है। काइल आगे कहते हैं कि मेरे अधिकांश ग्राहक गैर-भारतीय हैं। अब तक दो भारतीय महिलाओं मेरे स्पर्म से मां बन चुकी हैं। इनमें से मुंबई की रहने वाली एक महिला ने कैलिफोर्निया में बच्चे के जन्म दिया था। वह फिलहाल कैनिफोर्निया में ही रह रही है। वहीं, दो और भारतीय महिलाओं से भी बातचीत चल रही है।

मेरा पहला बच्चा 10 साल का है स्पर्म डोनेटर बनने के सफर के बारे मे काइल कहते हैं- मैं अपने एक दोस्त के साथ स्पर्म बैंक गया था। मैंने वहां ऐसे ढेरों लोगों को देखा, जो बच्चे न होने से परेशान थे। तभी मुझे एहसास हुआ कि अगर स्पर्म डोनेट करने से इतनी सारी समस्याएं हल हो सकती हैं तो मुझे भी स्पर्म डोनेट करना चाहिए। इसके कुछ ही दिनों बाद मेरे एक दूसरे दोस्त को स्पर्म की आवश्यकता पड़ी, तो उसने मुझसे बात की और मेरे शुक्राणु से उसे 2014 में एक स्वस्थ बच्चा हुआ। इससे मुझमें आत्मविश्वास आया और फिर मैंने स्पर्म डोनेट करना शुरू कर दिया। मेरे उसी फ्रेंड के अब दो बच्चे हैं। जिस बच्चे को मैंने अपना पहला स्पर्म डोनेट किया था। अब वह बच्चा 10 साल का हो चुका है।

स्पर्म डोनेट करने के लिए एक वेबसाइट बनाई काइल कहते हैं कि मुझसे जरूरतमंद परिवार आसानी से कॉन्टेक्ट कर सकें, इसके लिए मैंने www.BePregnentnow.com नाम की एक वेबसाइट बनाई है। इसके अलावा मैं सोशल साइट्स पर भी अवेलेबल रहता हूं। मैसेज आने पर मैं निश्चित रूप से उन्हें रिप्लाई करता हूं। मैंने भारत में कई स्पर्म बैंकों से भी संपर्क किया है।

बच्चे का ठीक ढंग से पालन-पोषण करने वालों को ही स्पर्म डोनेट करता हूं काइल कहते हैं- मैं सभी एकल महिलाओं और कपल को स्पर्म डोनेट करता हूं। हालांकि, मैं सिर्फ उन्हीं महिलाओं और कपल को स्पर्ट डोनेट करता हूं, जो ठीक ढंग से बच्चे का पालन-पोषण कर सकते हैं। मैं इसके लिए पूरी तहकीकात करता हूं।

मैं भी उन बच्चों से भावनात्मक रूप से जुड़ा रहता हूं क्या बच्चे के जन्म के बाद भी आप उनके संपर्क में रहती हैं? इस सवाल के जवाब में काइल कहते हैं- ‘हां, बच्चा पैदा होने पर महिलाएं मुझे बताती हैं कि बेटा हुआ है या बेटी। मैं अपने 87 बच्चों में से लगभग 50 के संपर्क में हूं और उनसे भावनात्मक रूप से भी जुड़ा हुआ हूं। मैं भी उनसे अक्सर बात करता हूं। कभी-कभी तो हम मिलते भी हैं।

स्पर्म डोनेट करने के लिए जापान जाना चाहता हूं कितने देशों में आपके बच्चे हैं? इस सवाल के जबाव में काइल कहते हैं- मेरे बच्चे 10 से अधिक देशों में हैं और अन्य कई देशों में बच्चे होने वाले हैं। मैं जापान, इंडोनेशिया आदि देशों को भी स्पर्म डोनेट करना चाहता हूं। खासकर जापान में, क्योंकि वहां जन्म दर बहुत कम है। इसके अलावा वहां महिलाएं मां बनना चाहती हैं।

पहले मैं 100 बच्चे पैदा करना चाहता था काइल कहते हैं- पहले मैं 100 का आंकड़ा पूरा करना चाहता था। लेकिन इसके बाद भी जरूरतमंद लोग मुझसे स्पर्म डोनेट करने के लिए कॉन्टेक्ट करते गए और इस तरह यह सिलसिला जारी है। कई लोगों को मेरा काम पसंद है, कईयों को नहीं। लेकिन मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। मैं अपना काम करता रहूंगा। कई बार मीडिया भी मुझे गलत तरीके से पेश करता है, लेकिन मैं उन लोगों पर ज्यादा ध्यान नहीं देता।

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US से डिपोर्ट होने वालों की राह देख रहे माता-पिता: बेटी यूरोप से अमेरिका पहुंच गई तो बेटा घर बेचकर जा पहुंचा, परिवार को पता ही नहीं – Gujarat News https://karnavati24news.com/news/28243 https://karnavati24news.com/news/28243#respond Thu, 06 Feb 2025 11:10:42 +0000 https://karnavati24news.com/?p=28243 निर्वासित गुजरातियों में 28 लोग उत्तर गुजरात के हैं। इनमें से 4 लोग मध्य गुजरात से हैं और एक दक्षिण गुजरात से है। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप ने पदभार संभालते ही अवैध रूप से अमेरिका में घुसे भारतीयों समेत नागरिकों को वापस भेजने का सिलसिला शुरू हो गया है। बीते...

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निर्वासित गुजरातियों में 28 लोग उत्तर गुजरात के हैं। इनमें से 4 लोग मध्य गुजरात से हैं और एक दक्षिण गुजरात से है।

अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप ने पदभार संभालते ही अवैध रूप से अमेरिका में घुसे भारतीयों समेत नागरिकों को वापस भेजने का सिलसिला शुरू हो गया है। बीते बुधवार को अमेरिकी वायुसेना का एक विमान पंजाब के अमृतसर पहुंचा, जिसमें अवैध रूप से वहां रह रहे भारतीयों को

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गुजरात के रहने वाले लोग आज सुबह अमृतसर से अहमदाबाद हवाई अड्डे पर पहुंचे। निर्वासित गुजरातियों में 28 लोग उत्तर गुजरात के हैं। इनमें से 4 लोग मध्य गुजरात से हैं और एक दक्षिण गुजरात से है। इसी के चलते दिव्य भास्कर की टीम ने मेहसाणा, पाटण और गांधीनगर में रहने वाले उनके परिजनों से बातचीत की। इस दौरान लंबे समय से अपने बच्चों का इंतजार कर रहे माता-पिता ने उनकी हालत पर दुख व्यक्त किया और उनके सकुशल लौट आने के लिए भगवान का धन्यवाद दिया।

पाटण तालुका के मनुद गांव में रहने वाले केतुल पटेल के माता-पिता।

सबसे पहले दिव्य भास्कर की टीम पाटण तालुका के पाटण तालुका के मनुद गांव पहुंची। यहां रहने वाले केतुल पटेल आज अपने परिवार के साथ अमेरिका से स्वदेश लौट रहे हैं। केतुल मूल रूप से पाटण के रहने वाले हैं, लेकिन हीरे का कारोबार शुरू करने के लिए 25 साल पहले परिवार के साथ सूरत में बस गए थे। लेकिन, बिजनेस में घाटे के बाद उन्होंने अपना मकान बेच दिया था और एक एजेंट के जरिए अवैध रूप से अमेरिका पहुंच गए। आज, यह समाचार सुनकर कि उनके बेटे और उसके परिवार को अमेरिका से निर्वासित कर दिया गया है, पाटन में रहने वाले उनके माता-पिता के होठों पर केवल एक ही शब्द है… वे सुरक्षित वापस लौट आएं।

केतुल की मां हीराबेन पटेल ने कहा- हम चिंतित हैं, लेकिन भगवान को जो अच्छा लगे, वही सही है। हमारे लिए केवल यही बात मायने रखती है कि बस सुरक्षित घर पहुंच जाए। उन्होंने खेत बेचकर अपने दो बेटों को मकान खरीदने के लिए पैसे दे दिए थे। केतुल ने अपना हिस्सा वाला मकान बेच दिया और अमेरिका चला गया। वह 5-6 महीने पहले ही 50 लाख रुपए खर्च कर अमेरिका गया था। टीवी पर देखकर मुझे पता चला कि ट्रम्प सभी को वापस भेज रहे हैं, तो मैंने सोचा कि हमारा बेटा भी इसमें शामिल होगा और वही हुआ। बेटे के अमेरिका जाने के बाद से ही उससे अब तक बात नहीं हुई है। अब मेरा बेटा वापस आए रहा है। हम शांति और खुशी से रहेंगे।

डभाला तालुका के पास चंद्रपाड़ा में रहने वाली निकिता के पिता कनुभाई।

डभाला तालुका के पास चंद्रपाड़ा में रहने वाली निकिता के पिता कनुभाई।

बेटी यूरोप घूमने गई थी, पता नहीं अमेरिका कैसे पहुंच गई इसके बाद हमारी टीम कनुभाई के घर पहुंची, जो मेहसाणा के डभाला के पास चंद्रपाड़ा में रहते हैं। जिनकी बेटी आज एक महीने बाद अमेरिका से लौट रही है। जब उनकी बेटी ने पिता कनुभाई से पूछा बेटी के अमेरिका जाने के बारे में पूछा तो उन्होंने चौंकाने वाला जवाब दिया। उन्होंने कहा- मेरी बेटी निकिता तो यूरोप घूमने गई थी, हमें पता ही नहीं कि वह अमेरिका कैसे पहुंच गई।

इस बारे में उन्होंने विस्तार से बताया- मेरी बेटी ने एमएससी की पढ़ाई की है, लेकिन उसे अभी तक अच्छी जब नहीं मिल पाई है। करीब एक महीने पहले ही अचानक बेटी ने अपने दोस्तों के साथ यूरोप घूमने की योजना बनाई थी। निकिता अपनी दो सहेलियों के साथ गई थी। आखिरी बार मैंने उनसे 15 जनवरी को बात की थी और उसके बाद से हमारी उससे बात नहीं हुई। हमें तो यह भी नहीं पता कि हमारी बेटी अमेरिका कैसे पहुंची। पैसा कमाने के लिए इस तरह अमेरिका जाने का तरीका सही नहीं है। लोग पैसे लेकर जाते हैं और फिर खाली हाथ घर लौट आते हैं। बेटी घर आएगी तो हम उसे कोई काम दिलवा देंगे।

मानसा तालुका के बोरू गांव में रहने वाले करण सिंह की मां।

मानसा तालुका के बोरू गांव में रहने वाले करण सिंह की मां।

बेटे को दोबारा कहीं नहीं जाने दूंगी मानसा तालुका के बोरू गांव के मूल निवासी करण सिंह और उनके परिवार को भी अमेरिका से निर्वासित कर दिया गया है। इस बारे में करण की मां ने कहा- मेरा बेटा एक महीने पहले ही अमेरिका गया था। हमें नहीं पता कि अमेरिका जाने के लिए उसने कौन सा तरीका अपनाया। टीवी पर देखकर हमको मालूम हुआ कि बहुत से गुजराती भी वापस आ रहे हैं। जो भी हो, मैं अपने बेटे को अब कहीं नहीं जाने दूंगी।

यात्रियों में से अधिकांश युवा सुबह जब विमान अहमदाबाद हवाई अड्डे से इन्हें बाहर निकाला गया तो स्थानीय पुलिस ने उनके पासपोर्ट और संपर्क नंबरों का सत्यापन किया। अमृतसर से पहले से आई सूची के अनुसार सभी को बाहर निकाला गया। आने वाले यात्रियों में से अधिकांश युवा थे। इसमें एक परिवार का सदस्य भी शामिल है और अब स्थानीय एलसीबी इस बारे में प्रारंभिक बयान लेगी कि कब इन सभी की आगे की जांच की जाएगी और आगे की प्रक्रिया को अंजाम दिया जाएगा।

दो परिवार भी शामिल जबकि मनसाणा में गोस्वामी हार्दिक मुकेशगिरी (उम्र 29), गोस्वामी हिमानी हार्दिकगिरी (उम्र 27), गोस्वामी हेमल हार्दिकगिरी (उम्र 8), गोस्वामी ध्रुव हार्दिकगिरी (उम्र 5) के साथ-साथ जिग्नेश प्रभातभाई झाला (उम्र 37), अरुणाबेन जिग्नेश झाला (उम्र 34), जाला एंजल जिग्नेश झाला (उम्र 11) और माही जिग्नेश झाला शामिल हैं। दो परिवारों को भी वापस लाया गया है।

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US से बेटी के लौटते ही पिता फूट-फूटकर रो पड़े: भाई ने कहा कि प्लेन में हथकड़ी लगाए जाने से बहन के दिमाग पर गहरा असर हुआ – Gujarat News https://karnavati24news.com/news/28237 https://karnavati24news.com/news/28237#respond Thu, 06 Feb 2025 10:10:12 +0000 https://karnavati24news.com/?p=28237 सुबह की फ्लाइट से अमृतसर से अहमदाबाद हवाई अड्डे पहुंचे गुजराती। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप ने पदभार संभालते ही अवैध रूप से अमेरिका में घुसे भारतीयों समेत नागरिकों को वापस भेजने का सिलसिला शुरू हो गया है। बीते बुधवार को अमेरिकी वायुसेना का एक विमान पंजाब के अमृतसर पहुंचा, जिसमें...

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सुबह की फ्लाइट से अमृतसर से अहमदाबाद हवाई अड्डे पहुंचे गुजराती।

अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप ने पदभार संभालते ही अवैध रूप से अमेरिका में घुसे भारतीयों समेत नागरिकों को वापस भेजने का सिलसिला शुरू हो गया है। बीते बुधवार को अमेरिकी वायुसेना का एक विमान पंजाब के अमृतसर पहुंचा, जिसमें अवैध रूप से वहां रह रहे भारतीयों को

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बेटी को देखते ही पिता फूट-फूटकर रोने लगे

अहमदाबाद एयरपोर्ट से गुजरातियों की बाहर लाती हुई पुलिस।

गुजरात के रहने वाले लोग आज सुबह अमृतसर से अहमदाबाद हवाई अड्डे पर पहुंचे। निर्वासित गुजरातियों में 28 लोग उत्तर गुजरात के हैं। इनमें से 4 लोग मध्य गुजरात से हैं और एक दक्षिण गुजरात से है। वडोदरा के लूना गांव में रहने वाली एक लड़की जैसे ही अपने घर पहुंची, उसका परिवार भावुक हो गया। बेटी के देखते ही पिता फूट-फूटकर रोने लगे। वहीं, भाई ने कहा कि प्लेन में हथकड़ी लगाए जाने से बहन के दिमाग पर गहरा असर हुआ है।

अहमदाबाद पहुंचने के बाद पुलिस ने इन लोगों को अपने वाहनों से उनके गृहनगर तक पहुंचाया। अहमदाबाद हवाई अड्डे पर पहुंचे 33 गुजरातियों से यहां पूछताछ नहीं की गई। लेकिन, उनके गृहनगर ले जाए जाने के बाद, प्रत्येक जिले के एलसीबी कार्यालयों द्वारा उनसे पूछताछ की जाएगी।

अमेरिकी सेना ने एक लाइन में चेन से बंधे भारतीयों को प्लेन में चढ़ाया।

अमेरिकी सेना ने एक लाइन में चेन से बंधे भारतीयों को प्लेन में चढ़ाया।

फिलहाल नहीं हो रही पूछताछ- एसीपी अहमदाबाद के एच डिवीजन एसीपी आरडी ओजा ने बताया कि अमृतसर फ्लाइट से आए 33 लोगों को उनके घर भेज दिया गया है। वे जिस भी जिले से आए हैं, उन्हें वहां की पुलिस के साथ भेज दिया गया है। इस समय कोई पूछताछ नहीं की गई है।

यात्रियों में से अधिकांश युवा सुबह जब विमान अहमदाबाद हवाई अड्डे से इन्हें बाहर निकाला गया तो स्थानीय पुलिस ने उनके पासपोर्ट और संपर्क नंबरों का सत्यापन किया। अमृतसर से पहले से आई सूची के अनुसार सभी को बाहर निकाला गया। आने वाले यात्रियों में से अधिकांश युवा थे। इसमें एक परिवार का सदस्य भी शामिल है और अब स्थानीय एलसीबी इस बारे में प्रारंभिक बयान लेगी कि कब इन सभी की आगे की जांच की जाएगी और आगे की प्रक्रिया को अंजाम दिया जाएगा।

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