Jamnagar Air Force Aircraft Archives - Karnavati 24 News https://karnavati24news.com/news/tag/jamnagar-air-force-aircraft Sat, 05 Apr 2025 23:32:56 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.2 https://karnavati24news.com/wp-content/uploads/2020/07/2020-07-28-2.png Jamnagar Air Force Aircraft Archives - Karnavati 24 News https://karnavati24news.com/news/tag/jamnagar-air-force-aircraft 32 32 हरियाणा के शहीद फ्लाइट लेफ्टिनेंट की मंगेतर दिल्ली में टीचर: पार्थिव देह से पूछती रही- बेबी, तू आया नहीं मेरे लिए, तू तो बोलके गया था – Rewari News https://karnavati24news.com/news/30710 https://karnavati24news.com/news/30710#respond Sat, 05 Apr 2025 23:32:56 +0000 https://karnavati24news.com/?p=30710 शहीद के अंतिम दर्शन के वक्त सवाल पूछती मंगेतर सानिया। जगुआर क्रैश में शहीद हुए हरियाणा के फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव के अंतिम संस्कार के समय मंगेतर सानिया का वीडियो सामने आया है। इसमें वह सिद्धार्थ के पार्थिव शरीर वाले बॉक्स से लिपटी हुई हैं। . वह सिद्धार्थ के सिर...

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शहीद के अंतिम दर्शन के वक्त सवाल पूछती मंगेतर सानिया।

जगुआर क्रैश में शहीद हुए हरियाणा के फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव के अंतिम संस्कार के समय मंगेतर सानिया का वीडियो सामने आया है। इसमें वह सिद्धार्थ के पार्थिव शरीर वाले बॉक्स से लिपटी हुई हैं।

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वह सिद्धार्थ के सिर की तरफ रखी फोटो से पूछती हैं-” बेबी, तू आया नहीं मेरे लिए, तू तो बोलके गया था, मैं आऊंगा तुझे लेने”। इस दौरान वह सिद्धार्थ के पार्थिव शरीर वाले बॉक्स को खटखटाती हुई भी नजर आ रही हैं।

यह वीडियो उस वक्त का है, जब सिद्धार्थ की पार्थिव देह रेवाड़ी के सेक्टर 18 स्थित नए घर में पहुंची थी। इस दौरान एयरफोर्स के जवानों और परिजनों ने सानिया को वहां से हटाया। सिद्धार्थ की 10 दिन पहले ही सानिया से सगाई हुई थी। वह दिल्ली के प्राइवेट स्कूल में टीचर है। उसके चंद दिनों में सिद्धार्थ से इतनी अटैच कैसे हो गई, इससे सिद्धार्थ के परिवार वाले भी हैरान हैं।

मंगेतर सानिया के शहीद के अंतिम दर्शन करते 3 PHOTOS…

मंगेतर सानिया लगातार सिद्धार्थ की पार्थिव देह से सवाल पूछती रही कि उसे लेने क्यों नहीं आए।

अंतिम दर्शन के वक्त मंगेतर सानिया शहीद की फोटो से बात करती रही।

अंतिम दर्शन के वक्त मंगेतर सानिया शहीद की फोटो से बात करती रही।

शहीद सिद्धार्थ से बात करते हुए मंगेतर पार्थिव देह वाले बॉक्स को भी खटखटाती रहीं।

शहीद सिद्धार्थ से बात करते हुए मंगेतर पार्थिव देह वाले बॉक्स को भी खटखटाती रहीं।

MSc और Bed पढ़ीं सानिया, अरेंज मैरिज होनी थी सानिया मूल रूप से रेवाड़ी जिले के गढ़ी बोलनी गांव की रहने वाली है। सानिया ने MSc और Bed की पढ़ाई की है। अब वह दिल्ली के एक प्राइवेट स्कूल में टीचर हैं। उसके पिता एक कंपनी में सप्लाई चेन संभालते हैं। सिद्धार्थ के साथ उसकी अरेंज मैरिज हो रही थी। पारिवारिक मित्र ने ही यह रिश्ता कराया था।

23 को सगाई, 31 को लौटे, 2 अप्रैल को शहीद फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ सानिया से रिश्ता तय होने के बाद 20 मार्च को छुट्‌टी पर आए थे। इसके बाद 23 मार्च को रिश्तेदारों और दोस्तों के बीच में दोनों की सगाई हुई। 31 मार्च को सिद्धार्थ अपनी ड्यूटी पर गुजरात के जामनगर में लौट गए।

2 अप्रैल की रात को वह को-पायलट मनोज के साथ फाइटर जैट जगुआर लेकर निकले लेकिन वह क्रैश हो गया। जिसमें सिद्धार्थ शहीद हो गए। दोनों की शादी 2 नवंबर को होनी थी। जिसके लिए घर में तैयारियां भी चल रहीं थीं। शादी के लिए ही परिवार ने भालखी माजरा गांव छोड़ रेवाड़ी के सेक्टर-18 में नया घर खरीदा था। मगर, वहां दुल्हन की डोली की जगह सिद्धार्थ की पार्थिव देह आई।

23 मार्च को सगाई के दिन सानिया को इंगेजमेंट रिंग पहनाने के बाद उसके हाथ को चूमते सिद्धार्थ। इस दौरान दोनों ही बहुत खुश नजर आ रहे थे।

23 मार्च को सगाई के दिन सानिया को इंगेजमेंट रिंग पहनाने के बाद उसके हाथ को चूमते सिद्धार्थ। इस दौरान दोनों ही बहुत खुश नजर आ रहे थे।

सिद्धार्थ एयरफोर्स में फाइटर पायलट भर्ती हुए थे सिद्धार्थ ने साल 2016 में NDA की परीक्षा पास की थी। 3 साल की ट्रेनिंग के बाद सिद्धार्थ ने फाइटर पायलट के तौर पर एयरफोर्स जॉइन की। एयरफोर्स में ट्रेनिंग समेत 5 साल की सर्विस पूरी होने के बाद वह 2020 में फ्लाइट लेफ्टिनेंट बन गए।

सिद्धार्थ परिवार की चौथी पीढ़ी से थे, जो फौज में थे। इससे पहले उनके पड़दादा डालूराम ब्रिटिश शासन के अधीन आती बंगाल इंजीनियर्स में थे। सिद्धार्थ के दादा रघुवीर पैरामिलिट्री फोर्स में थे। इसके बाद इनके पिता सुशील यादव भी एयरफोर्स में रहे।

4 अप्रैल को शहीद के अंतिम संस्कार के मौके पर भी मंगेतर सानिया फूट-फूटकर रो रहीं थी।

4 अप्रैल को शहीद के अंतिम संस्कार के मौके पर भी मंगेतर सानिया फूट-फूटकर रो रहीं थी।

एयरफोर्स ने की थी सिद्धार्थ की बहादुरी की तारीफ सिद्धार्थ 31 मार्च को ड्यूटी पर लौटने के बाद 2 अप्रैल को जगुआर फाइटर जेट लेकर जामनगर एयरफील्ड से नाइट मिशन पर रवाना हुए थे। उनके साथ को-पायलट मनोज भी थे। रात करीब 9:30 बजे जामनगर शहर से 12 किमी दूर सुवारडा गांव के पास उनका जगुआर क्रैश हो गया था। विमान के जमीन से टकराने के बाद उसमें आग लग गई। जिससे मलबा दूर तक फैल गया। क्रैश होने से पहले सिद्धार्थ ने साथी मनोज को इजेक्ट करा दिया। वह खुद भी इजेक्ट कर सकते थे, लेकिन वह चाहते थे कि विमान को आबादी से दूर ले जाएं। वह इसमें तो कामयाब हो गए, लेकिन खुद भी शहीद हो गए।

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हरियाणा के शहीद फ्लाइट लेफ्टिनेंट की कहानी: मंगेतर को घुटनों पर बैठ रिंग पहनाई थी; यूनिफॉर्म पहन स्कूल आने का वादा अधूरा रहा – Rewari News https://karnavati24news.com/news/30679 https://karnavati24news.com/news/30679#respond Fri, 04 Apr 2025 23:40:03 +0000 https://karnavati24news.com/?p=30679 यह फोटो 23 मार्च की है, जब सगाई के दिन फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव मंगेतर सानिया को इंगेजमेंट रिंग पहनाकर उसे चूमते नजर आ रहे हैं। 2 अप्रैल को वह शहीद हो गए। हरियाणा के रेवाड़ी के शहीद फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव सगाई के 10 दिन बाद शहीद हो गए।...

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यह फोटो 23 मार्च की है, जब सगाई के दिन फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव मंगेतर सानिया को इंगेजमेंट रिंग पहनाकर उसे चूमते नजर आ रहे हैं। 2 अप्रैल को वह शहीद हो गए।

हरियाणा के रेवाड़ी के शहीद फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव सगाई के 10 दिन बाद शहीद हो गए। उन्होंने सगाई के दिन घुटनों पर बैठकर मंगेतर को इंगेजमेंट रिंग पहनाई थी।

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वहीं सिद्धार्थ का यूनिफॉर्म पहनकर अपने स्कूल जाने का वादा भी अधूरा रह गया। उन्हें स्कूल से बहुत लगाव था। जब वे फ्लाइट लेफ्टिनेंट के पद पर प्रमोट हुए तो रेवाड़ी के कैंब्रिज स्कूल में पहुंचे थे। जहां वे अपने पुराने क्लासरूम में भी गए। इस दौरान प्रिंसिपल से उन्होंने दोबारा आने की बात कही थी।

सिद्धार्थ 2 अप्रैल को गुजरात के जामनगर में जगुआर क्रैश में शहीद हो गए थे। इसके बाद 4 अप्रैल को रेवाड़ी में उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। वह परिवार के इकलौते बेटे थे। उनकी एक बहन है।

फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव की उम्र महज 28 साल थी। – फाइल फोटो

बचपन, सगाई से शहादत तक, सिद्धार्थ यादव की पूरी कहानी…

एयरफोर्स स्कूल में हुई शुरुआती पढ़ाई सिद्धार्थ यादव के पिता सुशील यादव एयरफोर्स में थे। इसलिए जहां उनकी तैनाती रही, वहीं सिद्धार्थ की पढ़ाई हुई। सिद्धार्थ ने पहले केंद्रीय विद्यालय-1, एयरफोर्स स्कूल जोधपुर से पढ़ाई शुरू की। इसके बाद बैंगलोर एयरफोर्स स्कूल और फिर जोधपुर में एयरफोर्स स्कूल में पढ़ाई की। पिता और स्कूल के माहौल की वजह से सिद्धार्थ ने भी एयरफोर्स में जाने की ठान ली।

रेवाड़ी लौटकर यहां 12वीं तक पढ़ाई की साल 2010 में पिता एयरफोर्स से रिटायर हो गए। जिसके बाद वह रेवाड़ी में अपने घर लौट आए। इसके बाद सिद्धार्थ का दाखिला यहां के कैंब्रिज स्कूल में करा दिया। वहां सिद्धार्थ ने 8वीं से 10वीं तक पढ़ाई की। इसके बाद 11वीं और 12वीं की पढ़ाई दिल्ली कैंट के केंद्रीय विद्यालय-2 में हुई।

रेवाड़ी के स्कूल का क्लासरूम, जहां सिद्धार्थ यादव ने 10वीं की पढ़ाई की थी।

रेवाड़ी के स्कूल का क्लासरूम, जहां सिद्धार्थ यादव ने 10वीं की पढ़ाई की थी।

पढ़ाई में होनहार लेकिन शर्मीले थे सिद्धार्थ इस बारे में कैंब्रिज स्कूल की प्रिंसिपल प्रीतिका मुंजाल ने कहा- सिद्धार्थ पढ़ाई में तो शुरू से ही होनहार था। उसने 9.8 CGPA से 10वीं कक्षा की परीक्षा पास की थी। उस समय वह बहुत कम बोलता था। शर्मीले स्वभाव का लड़का था। मगर, जब अफसर बनकर स्कूल में आया तो गजब बेल रहा था। उसकी पर्सनैलिटी ने हमें बहुत प्रभावित किया।

2016 में NDA एग्जाम पास किया स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद सिद्धार्थ ने एयरफोर्स में जाने की तैयारी शुरू कर दी। साल 2016 में उन्होंने NDA की परीक्षा पास कर ली। इसके बाद 3 साल तक ट्रेनिंग हुई। सिद्धार्थ ने फाइटर पायलट के तौर पर एयरफोर्स जॉइन की। एयरफोर्स में ट्रेनिंग समेत 5 साल की सर्विस पूरी होने के बाद वह 2020 में फ्लाइट लेफ्टिनेंट बन गए।

सिद्धार्थ 21 मार्च को छुट्‌टी आए थे, 23 मार्च को उन्होंने सानिया से सगाई की, इस दौरान दोनों बेहद खुश नजर आ रहे थे। 31 मार्च को सिद्धार्थ वापस ड्यूटी पर जामनगर लौटे थे।

सिद्धार्थ 21 मार्च को छुट्‌टी आए थे, 23 मार्च को उन्होंने सानिया से सगाई की, इस दौरान दोनों बेहद खुश नजर आ रहे थे। 31 मार्च को सिद्धार्थ वापस ड्यूटी पर जामनगर लौटे थे।

शहीद फ्लाइट लेफ्टिनेंट की सगाई से जुड़ी 3 अहम बातें

23 मार्च को सगाई हुई, 2 नवंबर को शादी होनी थी: सिद्धार्थ पिछले महीने ही छुट्‌टी पर घर आए थे। जिसके बाद 23 मार्च को उनकी सानिया से सगाई हुई। इस दौरान सिद्धार्थ ने घुटने टेककर सानिया को इंगेजमेंट रिंग पहनाई और गुलाब भी दिया था। इसके बाद सिद्धार्थ 31 मार्च को ड्यूटी पर गुजरात के जामनगर लौट गए थे। दोनों की शादी 2 नवंबर को होनी तय हुई थी। जिसकी तैयारियां भी शुरू हो गई थी।पिता ने नया घर खरीदा, दुल्हन की जगह पार्थिव देह आई: सिद्धार्थ का परिवार मूल रूप से रेवाड़ी के गांव भालखी माजरा का रहने वाला था। वह गांव में ही रह रहे थे। अब फाइटर पायलट बेटे की शादी होने वाली थी तो उन्होंने रेवाड़ी के सेक्टर 18 में नया घर खरीदा था। इसी घर में शादी और दुल्हन आनी थी। मगर, 4 अप्रैल को जामनगर से सीधे यहां उनकी पार्थिव देह ही लाई गई।अंतिम विदाई देने पहुंची मंगेतर, बोलीं- प्लीज, एक बार शक्ल दिखा दो: सिद्धार्थ का 4 अप्रैल को पैतृक गांव भालखी माजरा में राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार हुआ। इस दौरान उनकी मंगेतर सानिया भी पहुंची। वहां सानिया पार्थिव देह पर हाथ रखे खड़ी रही। जब संस्कार किया जाने लगा तो वह रोते हुए कहती रही कि प्लीज, एक बार उसकी शक्ल दिखा दो। हालांकि अफसरों ने मजबूरी की बात कह नहीं दिखाई।4 अप्रैल को अंतिम संस्कार के दौरान मंगेतर सानिया एयरफोर्स के अधिकारियों को एक बार शक्ल दिखाने की गुजारिश करती रही।

4 अप्रैल को अंतिम संस्कार के दौरान मंगेतर सानिया एयरफोर्स के अधिकारियों को एक बार शक्ल दिखाने की गुजारिश करती रही।

सेना में परिवार की चौथी पीढ़ी थे सिद्धार्थ शहीद के ममेरे भाई सचिन यादव ने बताया सिद्धार्थ परिवार की चौथी पीढ़ी से थे, जो एयरफोर्स में थे। इससे पहले उनके पड़दादा डालूराम बंगाल इंजीनियर्स में कार्यरत थे, जो ब्रिटिश शासन के अंडर आता था। सिद्धार्थ के दादा रघुवीर पैरामिलिट्री फोर्स में थे। इसके बाद इनके पिता भी एयरफोर्स में रहे। वर्तमान में वह LIC में कार्यरत हैं।

गुजरात के जामनगर में फाइटर जेट जगुआर का टूटा पिछला हिस्सा। जेट के क्रैश होने के बाद कई टुकड़े हो गए थे। सिद्धार्थ इसी में पायलट थे, क्रैश के बाद वह शहीद हो गए।

गुजरात के जामनगर में फाइटर जेट जगुआर का टूटा पिछला हिस्सा। जेट के क्रैश होने के बाद कई टुकड़े हो गए थे। सिद्धार्थ इसी में पायलट थे, क्रैश के बाद वह शहीद हो गए।

एयरफोर्स ने कहा- सिद्धार्थ ने सूझबूझ-बहादुरी दिखाई बता दें कि 2 अप्रैल की रात करीब 9:30 बजे जामनगर शहर से 12 किमी दूर सुवारडा गांव के पास जगुआर क्रैश हो गया था। विमान जमीन से टकराया और उसमें आग लग गई। जिससे मलबा दूर तक फैल गया। वायुसेना के अनुसार, यह जगुआर फाइटर जेट जामनगर एयरफील्ड से नाइट मिशन पर रवाना हुआ था।

उड़ान के दौरान पायलट्स ने तकनीकी खराबी महसूस की। जिसके बाद पायलट्स ने इजेक्शन की प्रक्रिया शुरू की। साथ ही तय किया कि प्लेन से आबादी वाले इलाके को नुकसान न पहुंचे। इस दौरान एक पायलट शहीद हो गए, जबकि को-पायलट का इलाज चल रहा है। इसमें सिद्धार्थ ने को-पायलट मनोज को पहले इजेक्ट कर दिया था। फिर विमान को आबादी से दूर ले गए। जिस दौरान यह हादसा हुआ।

सिद्धार्थ की शहादत पर माता-पिता, मंगेतर ने क्या कहा…

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हरियाणा के शहीद फ्लाइट लेफ्टिनेंट को पिता ने दी मुखाग्नि, मंगेतर बोलीं-प्लीज, एक बार शक्ल दिखा दो

हरियाणा में रेवाड़ी के शहीद फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव को शुक्रवार (4 अप्रैल) को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। पैतृक गांव भालखी माजरा में उनके पिता सुशील यादव ने 28 साल के शहीद बेटे की चिता को मुखाग्नि दी। (पूरी खबर पढ़ें)

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