roadies Archives - Karnavati 24 News https://karnavati24news.com/news/tag/roadies Tue, 25 Feb 2025 10:57:03 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.2 https://karnavati24news.com/wp-content/uploads/2020/07/2020-07-28-2.png roadies Archives - Karnavati 24 News https://karnavati24news.com/news/tag/roadies 32 32 जय द्वारकाधीश बोला और 5-फुट का टायर उठाकर फेंक दिया: ‘रोडीज’शो के गुजराती कंटेस्टेंट बोले- मैंने अपने दोस्त का सपना पूरा कर दिया – Gujarat News https://karnavati24news.com/news/29004 https://karnavati24news.com/news/29004#respond Tue, 25 Feb 2025 10:57:03 +0000 https://karnavati24news.com/?p=29004 रियलिटी शो रोडीज के हैदराबाद में हुए ऑडिशन में जब जज नेहा धूपिया, रिया चक्रवर्ती, रणविजय सिंह, एल्विश यादव और प्रिंस नरूला देशभर से रोडीज बनने आए हजारों कंटेस्टेंट्स को जज कर रहे थे। तभी सेट पर आवाज आई- ‘मेरा नाम जय जानी है, जय श्री कृष्णा, मेरी उम्र ....

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रियलिटी शो रोडीज के हैदराबाद में हुए ऑडिशन में जब जज नेहा धूपिया, रिया चक्रवर्ती, रणविजय सिंह, एल्विश यादव और प्रिंस नरूला देशभर से रोडीज बनने आए हजारों कंटेस्टेंट्स को जज कर रहे थे। तभी सेट पर आवाज आई- ‘मेरा नाम जय जानी है, जय श्री कृष्णा, मेरी उम्र

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शो में रणविजय के साथ राजकोट के जय जानी।

रोडीज का आइडिया कैसे आया? इस सवाल के जवाब में जय ने कहा- करीब 6 साल पहले मैं और मेरा दोस्त धनराज 15 साल के थे, तभी से रोडीज में जाना हमारा सपना था। हमने डिसाइड किया था कि 18 साल के होने के बाद हम रोडीज़ में शामिल होंगे। क्योंकि रोडीज़ में आपको बाइक भी चलानी होती है और उसके लिए आपको लाइसेंस की जरूरत होती है।

इसी दौरान रोडीज 2.0′ के बाद राजकोट में इसी नाम का एक जिम खुला था। हमने जिम का विज्ञापन देखा तो पता चला कि वहां रोडीज शो जैसी ही एक्टीविटीज आयोजित की गई हैं। हम दोनों ने सोचा चलो हम भी इसे आजामाते हैं। हम वहां गए और उनकी प्रतियोगिता में भाग लिया। इसमें धनराज विनर बना। मैं दूसरे नंबर पर रहा था। इसलिए हमने फैसला किया कि अब हम रोडीज में जाएंगे। लेकिन जब मैं 18 साल की हुआ और धनराज भी कुछ महीनों में 18 साल का होने वाला था। हालांकि, इससे पहले ही एक सड़क हादसे में उसकी मौत हो गई।

यह बात साल 2021 की है। जब मैं राष्ट्रीय फुटबॉल चैंपियनशिप खेलने के लिए राजस्थान गया था। शाम को मैच खत्म होने के बाद सोशल मीडिया के जरिए मुझे एक बहुत बुरी खबर मिली। खबर थी कि अहमदाबाद के पास जूडो खिलाड़ियों की बस हादसे का शिकार हो गई है। मुझे अपने दोस्त धनराज का ख्याल आया। मेरा डर सच हुआ। हादसे में उसकी जान चली गई थी। इसके साथ ही हमारा रोडीज में साथ जाने का सपना भी टूट गया।

दोस्त धनराज (ब्लू टी-शर्ट में) के साथ जय जानी।

दोस्त धनराज (ब्लू टी-शर्ट में) के साथ जय जानी।

एक पल भी हम अलग नहीं रहते थे हम दोनों पूरे दिन साथ रहते थे। अब मैं जहां भी जाता हूं, मुझे उसकी याद आती है। स्कूल से लेकर जिम तक में हम साथ रहते थे। यहां तक ​​कि अगर हमें दूध लेने के लिए दुकान पर जाना होता तो हम एक-दूसरे को बुलाते और साथ-साथ जाते थे। उसकी मौत के बाद मैं एक साल तक घर से बाहर नहीं निकल सका। लेकिन फिर मैंने तय किया कि मैं कब तक ऐसे ही बैठा रहूंगा? मैरा दोस्त धनराज भी नहीं चाहेगा कि मैं ऐसे ही रहूं। इसीलिए मैंने हिम्मत जुटाई और पहली बार में ही रोडीज़ में जगह बना ली।

रोडीज में एप्लाई कैसे किया, क्या वे पैसे मांगते हैं? जय जानी ने इसकी प्रोसेस समझाते हुए कहा, एप्लाई करने के लिए आपको सबसे पहले उनके इंस्टाग्राम पेज को फॉलो करना होता है। बाकी कहीं और से ऑनलाइन पंजीयन नहीं होता। कई लोग कहते हैं कि यहां ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन होता है, पैसे भी मांगे जाते हैं। जबकि, इसके लिए कोई पैसा नहीं देना होता है। इंस्टाग्राम को छोड़कर कहीं से भी आवेदन नहीं किया जा सकता। रोडीज के लिए ऑडिशन से एक महीने पहले स्थान की घोषणा की जाती। इस बार पहला स्थान पंजाब, दूसरा चंडीगढ़, तीसरा हैदराबाद और आखिरी पुणे था।

कहा, ‘मैंने पहले हैदराबाद जाने का फैसला किया था और वहां से मैंने पुणे जाने के लिए भी टिकट बुक करा ली थी। क्योंकि अगर मुझे हैदराबाद में मौका नहीं मिलता तो मैं पुणे भी जाता। लेकिन भगवान की कृपा से मैं हैदराबाद में ही फाइनल में पहुंच गया। मैं हैदराबाद पहुंचा और अगले दिन उस स्थान पर गया तो वहां रात 12 बजे से ही लाइन लगी हुई थी।आप कल्पना कर सकते हैं कि रोडीज के पीछे लोग कितने पागल हैं। रोडीज के लिए एकमात्र मानदंड यह है कि आपकी उम्र 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। ओह, यहां तक ​​कि एक 59 वर्षीय अंकल भी ऑडिशन के लिए आए थे।

जीतने के लिए आपको कठिन टास्क पूरे करने होते हैं और वोटिंग भी जीतनी होती है।

जीतने के लिए आपको कठिन टास्क पूरे करने होते हैं और वोटिंग भी जीतनी होती है।

रोडीज़ रेसिपी शो का पैटर्न क्या है? इस बारे में जय कहते हैं- यह ‘बिग बॉस+खतरों के खिलाड़ी=रोडीज’ होगा।’ बिग बॉस में आपको टास्क मिलते हैं, लेकिन वो उतने मुश्किल नहीं होते। खतरों और खिलाड़ियों में भी टास्क बहुत मुश्किल होते हैं। लेकिन आपको उनके लिए लड़ना नहीं पड़ता। लेकिन यहां रोडीज में दोनों को मिला दिया गया है। मीडियम टास्क आता है और आपको बिग बॉस की तरह लड़ना भी पड़ता है। जीतने के लिए आपको टास्क पूरा करना होता है और वोटिंग भी जीतनी होती है। इस टास्क में भी हर तीन दिन में शहर बदल जाता है। जहां आपको बाइक से ही जाना होता है। शो में सभी जज एक टीम बनाते हैं। इस बार इसमें नेहा धूपिया, रिया चक्रवर्ती, एल्विस यादव और प्रिंस नरूला शामिल थे। मैं एल्विशभाई की टीम में था।

मुझे अपने जितना बड़ा टायर उठाना था मंच पर कैसा महसूस हुआ? जय कहते हैं- सच बताऊं तो अब तो इसके बारे में सोचकर भी मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं। यदि वे हमसे कुछ पूछते भी हैं तो हमें डर रहता है कि वे हमारे उत्तरों पर कैसी प्रतिक्रिया देंगे। लेकिन सबकुछ ठीक-ठाक रहा। रोडीज में सबसे महत्वपूर्ण चीज आपकी फिटनेस है।

टास्क के बारे में जय ने कहा- मेरा एक प्रतिद्वंद्वी था, हरताज… 6.3 फुट लंबा। जब हम दोनों ने अपने-अपने पहले टास्क कंप्लीट कर लिए तो रणविजयभाई ने कह- मैं जय को आगे ले जाना चाहता हूं। इसके बाद सभी जजों ने भी कहा कि हमें जय को ही आगे ले जाना चाहते हैं। यह सुनकर हराताज रोने लगे और कहा- मुझे मौका दो, मैं जीतकर दिखाऊंगा। जजों ने उनसे कहा- आइए, हम आपको भी एक मौका देते हैं। जय को ऐसा काम दो, जो कि केवल तुम ही कर सकते हो और जय नहीं कर सकता। यह सुनते ही हरताज ने ट्रैक्टर का बड़ा टायर उठाया और मेरी तरफ दे मारा। मैं यह देखकर ठिठक गया, क्योंकि टायर इतना बड़ा था कि वह मेरी गर्दन तक आ रहा था और वजन भी बहुत ज्यादा था। फिर भी, मैंने हिम्मत जुटाई और टायर उठाने आगे बढ़ गया।

जय जॉनी ने ट्रैक्कर का टायर उठाकर फेंका और टास्क पूरा कर लिया।

जय जॉनी ने ट्रैक्कर का टायर उठाकर फेंका और टास्क पूरा कर लिया।

जय द्वारकाधीश’ का नारा लगाया और टायर उठाकर पीछे फेंक दिया हरताज ने मुझसे कहा- आपको इसे उठाकर फेंकना होगा। मैंने टायर उठाया और उसे उठाने की तैयारी कर रहा था। तभी रणविजयभाई मेरे पास आए और मेरे कान में फुसफुसाए। क्या तुम जानते हो कि तुम कहां से आए हो? मैंने कहा- हां,राजकोट से। रणविजयभाई ने कहा – नहीं, आप जानते हैं कि यह मंच आपके लिए कितना महत्वपूर्ण है, है ना?’ तो इस टास्क को पूरा करो। उनकी बात सुनने के बाद मैंने टायर पकड़ा और जोर से ‘जय द्वारकाधीश’ का नारा लगाकर टायर उठाकर पीछे फेंक दिया। यह देखकर सभी जज एक साथ खड़े हो गए। मैंने यह टास्क सफलतापूर्वक पूरा कर लिया था।

शूटिंग से पहले आपको हिंदी और अंग्रेजी में गुजराती लहजा बनाए रखने के लिए क्या निर्देश दिए गए थे? इस बारे में जय कहते हैं- ‘कोई विशेष निर्देश नहीं थे, लेकिन शूटिंग शुरू होने से पहले हमें पूरे सेट का दौरा कराया गया, अंदर से पूरा सेट दिखाया गया। सेट पर एंट्री करते समय जजों ने हमसे कहा- चाहे आप हिंदी बोलें या अंग्रेजी, उसमें थोड़ा गुजराती लहजा जरूर रखें। इसके अलावा, वहां सबसे बड़ी हिदायत यह है कि किसी पर भी हाथ नहीं उठाएंगे। जब कॉन्ट्रैक्ट साइन किया गया था, तब यह बात कही गई थी कि अगर आप किसी पर हाथ उठाते हैं, तो चाहे दूसरा पक्ष आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करे या न करे, लेकिन जियो सिनेमा की तरफ से कार्रवाई जरूर की जाएगी।

जब राजकोट लौटे तो लोगों का क्या रिएक्शन था? इस बारे में जय ने कहा- मेरे परिवार और दोस्तों ने मेरे आने से पहले ही जोरदार वेलकम की तैयारी कर ली थी। मीडिया और सोशल मीडिया के जरिए भी पूरे राजकोट को पता चल गया था राजकोट का लड़का रोडीज में सिलेक्ट हो गया है। इसके अलावा मुझे सोशल मीडिया पर विदेशों से भी बहुत सारे संदेश मिले हैं। विदेशों में बसे हमारे गुजराती मुझे शुभकामनाएं दे रहे हैं।

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