How did the fire that turned Rajasthanis from millionaires to beggars start? Archives - Karnavati 24 News https://karnavati24news.com/news/tag/how-did-the-fire-that-turned-rajasthanis-from-millionaires-to-beggars-start Tue, 04 Mar 2025 01:57:25 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.2 https://karnavati24news.com/wp-content/uploads/2020/07/2020-07-28-2.png How did the fire that turned Rajasthanis from millionaires to beggars start? Archives - Karnavati 24 News https://karnavati24news.com/news/tag/how-did-the-fire-that-turned-rajasthanis-from-millionaires-to-beggars-start 32 32 पावर सप्लाई बंद, फिर कैसे जला राजस्थानी व्यापारियों का मार्केट: भास्कर पड़ताल में 3 थ्योरी- हादसा, लापरवाही या साजिश, पुलिस जांच भी इन्हीं एंगल पर – Rajasthan News https://karnavati24news.com/news/29304 https://karnavati24news.com/news/29304#respond Tue, 04 Mar 2025 01:57:25 +0000 https://karnavati24news.com/?p=29304 गुजरात के सूरत स्थित शिवशक्ति टेक्सटाइल मार्केट में लगी आग ने 800 राजस्थानियों को बर्बाद कर दिया। पहली बार 25 फरवरी को बेसमेंट में आग लगी। आग बुझाने के अगले दिन 26 फरवरी की सुबह मार्केट के टॉप फ्लोर में आग लग गई। कुछ ही देर में आग ने विकराल...

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गुजरात के सूरत स्थित शिवशक्ति टेक्सटाइल मार्केट में लगी आग ने 800 राजस्थानियों को बर्बाद कर दिया। पहली बार 25 फरवरी को बेसमेंट में आग लगी। आग बुझाने के अगले दिन 26 फरवरी की सुबह मार्केट के टॉप फ्लोर में आग लग गई। कुछ ही देर में आग ने विकराल रूप ले लि

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मार्केट में दूसरे दिन लगी आग को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। इसके कारण भी बताए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि 25 फरवरी को लगी आग की वजह शॉर्ट सर्किट बताई गई थी। इसके बाद मार्केट की लाइट काट दी गई थी। ऐसे में दोबारा शाॅर्ट सर्किट होना भी संभव नहीं था।

एक तर्क यह दिया जा रहा है कि शायद बेसमेंट में लगी आग में कोई चिनगारी बच गई। एक बार के लिए ये तर्क मान भी लें तो बेसमेंट में लगी आग की चिंगारी से टॉप फ्लोर में आग लगना संभव नहीं है।

इसके अलावा एक बड़ा सवाल ये भी है कि आग बुझाने में इतना वक्त क्यों लगा? 7 दिन बाद भी इन सवालों के जवाब किसी के पास नहीं हैं।

सूरत (गुजरात) शिवशक्ति टेक्सटाइल मार्केट के चौथे और पांचवें फ्लोर पर आग के कारण सबसे ज्यादा नुकसान हुआ।

दूसरी बार आग को लेकर तीन थ्योरी

पहली : सही तरीके से कूलिंग न होने से फिर भड़की आग

भास्कर पड़ताल में एक थ्योरी ये भी निकलकर आई कि हो सकता है फायर डिपार्टमेंट की तरफ से मार्केट के बेसमेंट में लगी आग की सही से कूलिंग नहीं हुई हो। लापरवाही के चलते कहीं कोई चिंगारी रह गई हो, जो रात में हवा के साथ फिर से भड़क गई हो। इसके बाद प्लास्टिक वायर के सहारे वो आग टॉप फ्लोर पर चली गई हो।

हालांकि ये सबसे कमजोर थ्योरी है। क्योंकि बेसमेंट से सीधे ही आग का टॉप फ्लोर तक जाना और बेसमेंट में उस चिंगारी से कोई बड़ी आग दोबारा नहीं लगना, इस थ्योरी पर सवाल उठाता है। मार्केट के एडमिनिस्ट्रेशन और सिक्युरिटी से जुड़े लोग दबी जुबान में इसी थ्योरी को आग लगने की वजह बता रहे हैं।

दूसरी : किसी ने गलती से चालू कर दी पावर सप्लाई

शिवशक्ति मार्केट के कुछ व्यापारियों ने ऑफ कैमरा बताया कि 25 फरवरी को जब आग लगी। इसे बुझा भी लिया गया था। मार्केट को सील करने से पहले बिजली सप्लाई भी बंद कर दी गई थी। हालांकि आस-पड़ोस के कुछ दूसरे मार्केट की पावर सप्लाई शिवशक्ति मार्केट में से ही जाती है। ऐसे में ये आशंका ज्यादा है कि किसी ने अगली सुबह गलती से मार्केट की पावर सप्लाई दुबारा से स्टार्ट कर दी हो। इसी के चलते मार्केट में टॉप फ्लोर पर शॉर्ट सर्किट हो गया और आग लग गई। फिलहाल इसे लेकर कोई ठोस सबूत अब तक नहीं मिल पाए हैं।

भास्कर इस थ्योरी को लेकर शिवशक्ति मार्केट के अध्यक्ष सुनील कोठारी, मैनेजर राजू भाई और उस दिन सिक्युरिटी पर रहे हरपाल सिंह से बात करने की कोशिश की। वो जवाब देने के लिए तैयार नहीं थे। वहीं मार्केट में पावर सप्लाई करने वाली टोरेंट कंपनी के भी किसी अधिकारी ने किसी तरह का जवाब देने से इनकार कर दिया।

तीसरी : अपने फायदे के लिए किसी ने खुद लगाई आग

सूरत महानगरपालिका से जुड़े अधिकारियों और पुलिस को आशंका है कि 26 फरवरी को लगी आग साजिश भी हो सकती है। आशंका जताई जा रही है कि पहले दिन की आगजनी के बहाने किसी ने अपने व्यापारिक फायदे और बीमा क्लेम को हासिल करने के लिए तो कहीं ये आग न लगा दी हो, जो बाद में इतनी भयावह हो गई कि इसने पूरे मार्केट को ही अपनी चपेट में ले लिया।

सूरत के मेयर दक्षेस मेवानी ने भी कहा है कि आग की टाइमिंग से ये संदेह तो होता ही है कि हो सकता है कि किसी ने कुछ दुकानों का इंश्योरेंस लेने के लिए शायद ये आग लगा दी हो। नहीं तो पहले दिन कूलिंग के बाद अगले दिन सुबह और वो भी टॉप फ्लोर में आग कैसे लगी ?

आखिर क्यों आग बुझाने में इतना ज्यादा टाइम लगा ?

शटर बंद होने से अंदर तक नहीं पहुंचा पानी : भास्कर पड़ताल में सामने आया कि 26 फरवरी को जब मार्केट में आग लगी तो वहां सभी दुकानों पर ताला लगा हुआ था। शटर अंदर से बंद थे। ऐसे में फायर ब्रिगेड टीम की तरफ से किए जा रहे वाटर ट्रीटमेंट का पानी पूरी तरह से दुकानों के अंदर तक नहीं पहुंच पा रहा था। दुकानों में लगी आग पर उसका कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा था। हालांकि बाद में इन दुकानों के शटर को काटकर आग पर काबू पाने का प्रयास किया गया था, लेकिन तब तक आग विकराल हो चुकी थी।कपड़ों के ढेर ने पेट्रोल का काम किया : मार्केट में एंट्री की भी बड़ी दिक्कत थी। हर तरफ कपड़ों और साड़ियों के ढेर पड़े थे। मार्केट की बिल्डिंग भी काफी पुरानी होने से इसके स्लैब पर क्रेन का लोड भी नहीं ले जाया जा सकता था। ऐसे में काफी ऊपर लगी आग को जल्दी से काबू नहीं किया जा सका था। वहीं आम कपड़ा व्यापारियों ने बताया कि किसी भी कपड़ा बाजार में आग लगती है ताे उस पर जल्दी काबू पाना मुश्किल होता है। शिवशक्ति कपड़ा बाजार में सिंथेटिक और पॉलिएस्टर के कपड़ों की तादाद ज्यादा थी। सिंथेटिक और पॉलिएस्टर कपड़ा आग के लिए पेट्रोल का काम करते हैं। यही वजह रही कि आग भयावह हो गई और जल्दी काबू नहीं कर पाए।आग पर काबू पाने के बाद टीमें जांच के लिए पहुंचीं तो मार्केट के हर फ्लोर पर इसी तरह बर्बादी के निशान थे।

आग पर काबू पाने के बाद टीमें जांच के लिए पहुंचीं तो मार्केट के हर फ्लोर पर इसी तरह बर्बादी के निशान थे।

चौथी-पांचवीं मंजिल पर सबसे ज्यादा नुकसान शिवशक्ति मार्केट की बिल्डिंग के चौथे और पांचवें फ्लोर पर शॉप कंस्ट्रक्शन को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। बेसमेंट से लेकर पहले, दूसरे और तीसरे फ्लोर पर शॉप कंस्ट्रक्शन को तो कम नुकसान हुआ है, लेकिन आग की लपटों से और बाद में इसे बुझाने के लिए काम में लिए गए पानी से दुकान में रखे क्लॉथ मटेरियल को काफी नुकसान हुआ है। इस बीच कुछ एक दुकानों में आग की लपटें नहीं पहुंचीं। इनमें रखे कंप्यूटर और प्रिंटर सही-सलामत रह गए हैं।

फेडरेशन ऑफ सूरत टैक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन की पहल पर अब पुलिस प्रशासन ने बेसमेंट से लेकर तीसरे फ्लोर तक की दुकान वाले व्यापारियों को 5-5 के ग्रुप में 10 मिनट के लिए प्रशासन के लोगों के साथ मार्केट में जाने, दुकान में रखे लेनदेन के हिसाब और नकदी लाने की परमिशन भी दे दी है।

चौथे और पांचवें फ्लोर पर किसी को भी जाने की परमिशन नहीं है। बताया जा रहा है कि दोनों फ्लोर पर बिल्डिंग स्लैब को काफी क्षति पहुंची है। वहां जाना अभी भी खतरे से खाली नहीं है।

एसवीएनआईटी टीम ने जांच शुरू की, 15 दिन बाद मिलेगी रिपोर्ट

एसवीएनआईटी के सिविल विभाग के डॉक्टर अतुल देसाई और उनकी टीम ने शिवशक्ति मार्केट में आग की घटना के बाद बिल्डिंग के स्ट्रक्चर को हुए नुकसान की स्टेबिलिटी रिपोर्ट के लिए जांच शुरू कर दी है।

जैसे ही आग की सूचना मिली, व्यापारी मार्केट में पहुंचे। अपनी वर्षों की मेहनत को आंखों के सामने जलता देख आंसुओं को रोक नहीं पाए।

जैसे ही आग की सूचना मिली, व्यापारी मार्केट में पहुंचे। अपनी वर्षों की मेहनत को आंखों के सामने जलता देख आंसुओं को रोक नहीं पाए।

फोस्टा ने बनाया रिलीफ फंड, राजस्थानी व्यापारियों की मदद को आगे आए बिल्डर्स

शिवशक्ति मार्केट में आगजनी से बर्बाद हुए व्यापारियों की मदद के लिए फेडरेशन ऑफ सूरत टैक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन (फोस्टा) ने एक रिलीफ फंड बनाया है। इसके लिए बाकायदा अकाउंट नंबर भी जारी किया गया है। प्रभावितों में बड़ी संख्या राजस्थान के रहने वाले व्यापारी भी शामिल हैं। इस फंड में खुद फोस्टा और सूरत शहर के भाजपा संगठन के साथ ही गारमेंट की एसोसिएशन ने अब तक 11-11 लाख रुपए की सहायता भी दी है। एक अनुमान के मुताबिक रिलीफ फंड में 2 से तीन करोड़ रुपए की राशि जमा होने वाली है।

फोस्टा इस फंड से प्रभावित हुए व्यापारियों को चिकित्सा, उनके बच्चों की शिक्षा और अन्य जरूरी सहायता देगा।

इधर सूरत शहर में संचालित लियो क्लासेस ने भी ये अनाउंसमेंट की है कि अगर शिवशक्ति मार्केट के किसी व्यापारी का बच्चा उनके यहां पढ़ रहा है तो वो उससे फीस नहीं लेंगे। अगर प्रभावित व्यापारियों का बच्चे अगले साल के शैक्षणिक सत्र में भी उनके यहां पढ़ने आते हैं तो फ्री में पढ़ाया जाएगा।

शहर के 3 बिल्डर्स ने भी अगले एक साल तक के लिए इन व्यापारियों को मुफ्त में अपने यहां दुकान देने की घोषणा की है। फोस्टा शहर के कई सीए, डॉक्टर्स और शैक्षणिक संस्थाओं के साथ एमओयू कर इन व्यापारियों की मदद का प्रयास कर रही है। इस योजना के तहत सभी 834 व्यापारियों के लिए कार्ड बनाकर इनको मदद दिलाने का प्रयास है।

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