Chittorgarh News Archives - Karnavati 24 News https://karnavati24news.com/news/tag/chittorgarh-news Wed, 08 Jan 2025 10:45:41 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.2 https://karnavati24news.com/wp-content/uploads/2020/07/2020-07-28-2.png Chittorgarh News Archives - Karnavati 24 News https://karnavati24news.com/news/tag/chittorgarh-news 32 32 इशारों में बताया ऊंचा है विजय स्तम्भ: सांवलियाजी मंदिर बहुत बड़ा-खाना टेस्टी; गुजरात के 243 दिव्यांग बच्चे पहुंचे चित्तौड़गढ़ – Chittorgarh News https://karnavati24news.com/news/26649 https://karnavati24news.com/news/26649#respond Wed, 08 Jan 2025 10:45:41 +0000 https://karnavati24news.com/?p=26649 चित्तौड़गढ़ में गुजरात के पालनपुर से 243 बच्चों की टीम एजुकेशनल टूर पर चित्तौड़गढ़ पहुंची। खास बात यह है कि यह सभी बच्चे दिव्यांग है। लेकिन उत्साह में कोई भी कमी नहीं थी। कोई ड्राइंग में एक्सपर्ट था तो कोई गाने में, कोई खेल में माहिर था तो कोई एजुकेश...

The post इशारों में बताया ऊंचा है विजय स्तम्भ: सांवलियाजी मंदिर बहुत बड़ा-खाना टेस्टी; गुजरात के 243 दिव्यांग बच्चे पहुंचे चित्तौड़गढ़ – Chittorgarh News appeared first on Karnavati 24 News.

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चित्तौड़गढ़ में गुजरात के पालनपुर से 243 बच्चों की टीम एजुकेशनल टूर पर चित्तौड़गढ़ पहुंची। खास बात यह है कि यह सभी बच्चे दिव्यांग है। लेकिन उत्साह में कोई भी कमी नहीं थी। कोई ड्राइंग में एक्सपर्ट था तो कोई गाने में, कोई खेल में माहिर था तो कोई एजुकेश

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राजस्थान और मध्य प्रदेश टूर पर निकले दिव्यांग बच्चे गुजरात की पालनपुर स्थित विद्या मंदिर द्वारा संचालित ममता मंदिर स्कूल के 243 बच्चे अपने 55 स्टाफ के साथ चित्तौड़गढ़ पहुंचे। यह सभी बच्चे दिव्यांग है। इनमें मुखबधिर, ब्लाइंड, मेंटल डिसएबल और हैंडिकैप्ड बच्चे शामिल है। सोमवार को 125 मुखबिर बच्चे 27 स्टॉफ के साथ आए थे। जबकि दूसरे दिन 118 बच्चे 28 स्टाफ के साथ चित्तौड़गढ़ आए। सभी बच्चों को ममता मंदिर स्कूल की ओर से 5 रात 6 दिन के एजुकेशनल टूर पर ले जाया जा रहा है। इन बच्चों को हर साल अलग-अलग जगह पर एजुकेशनल टूर पर ले जाया जाता है।

कुंभलगढ़ से शुरू हुई थी यात्रा ममता मंदिर स्कूल के डायरेक्टर डॉ. अतिन भाई जोशी ने बताया कि उनकी यात्रा कुंभलगढ़ से शुरू हुई थी। इसके बाद उदयपुर होते हुए श्री सांवलियाजी, चित्तौड़गढ़ पहुंचे। चित्तौड़गढ़ से सभी बच्चों को उज्जैन, इंदौर, ओंकारेश्वर, महेश्वर, मांडव, मोहनखेड़ा, डाकोट होते हुए फिर से गुजरात के पालनपुर तक पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि इससे पहले साल 2024 में बच्चों को सौराष्ट्र ले जाया गया। साल 2023 में वैष्णो देवी और पटनीटॉप, साल 2022 में बेंगलुरु, मैसूर, ऊंटी, साल 2021 में कन्याकुमारी ले जाया गया था।

गुजरात के 243 दिव्यांग बच्चे अपनी स्कूल के 55 सदस्यीय स्टाफ के साथ एजुकेशनल टूर पर है।

गुजरात के 243 दिव्यांग बच्चे अपनी स्कूल के 55 सदस्यीय स्टाफ के साथ एजुकेशनल टूर पर है।

हॉस्टल में रहकर पढ़ते है बच्चे उन्होंने बताया कि यह सभी बच्चे गरीब घर से आते हैं। इनके माता-पिता इन्हें अलग स्कूल में पढ़ाने में सक्षम नहीं है। यहां बच्चे का पूरा ध्यान ममता मंदिर द्वारा ही रखा जाता है। सभी बच्चे हॉस्टल में रहते हैं और त्यौहारों पर अपने माता-पिता से मिलने घर जाते हैं। यहां पर सभी स्टाफ ने भी स्पेशल कोर्स में BED कर रखा है।

सांवलिया मंदिर बहुत बड़ा, ऊंचा है विजय स्तम्भ सोमवार को आए मुखबिर बच्चों से चित्तौड़गढ़ दुर्ग और श्री सांवलिया ,जी के लिए पूछा गया तो उन्होंने इशारों में बताया कि उन्हें श्री सांवलियाजी का मंदिर बहुत ही खूबसूरत और बड़ा लगा। भगवान को देखना उनके लिए एक अलग एक्सपीरियंस था। चित्तौड़गढ़ किले के बारे में उन्होंने बताया कि यहां मीराबाई का मंदिर, कालिका माता का मंदिर, विजय स्तंभ और गोमुख बहुत प्यारा लगा। सबसे अच्छा यहां का खाना लगा। इसके अलावा उदयपुर का सिटी पैलेस भी बहुत सुंदर लगा था। बच्चों ने अपने टीचर्स के द्वारा इशारों में बताया कि उन्हें यहां की राजा महाराजाओं के युद्ध के बारे में, मीराबाई की भक्ति के बारे में जानकर बहुत अच्छा लगा। टीचर्स ने बताया कि बच्चे बहुत उत्सुक थे इतिहास के बारे में जानने के लिए इसीलिए काफी मन लगाकर इन्होंने सब कुछ जानने की कोशिश की।

चित्तौड़गढ़ पहुंचे इस दल में दिव्यांग बच्चों की पूरी तरह से केयर करता नजर आया स्टाफ।

चित्तौड़गढ़ पहुंचे इस दल में दिव्यांग बच्चों की पूरी तरह से केयर करता नजर आया स्टाफ।

15 साल की हनी बोली- स्वाभिमान के लिए लड़े थे राजा महाराजा वहीं, दूसरे दिन आए बच्चों में कुछ बच्चे ब्लाइंड भी थे। उन्हें कुछ दिखाई नहीं देता, लेकिन उन्होंने हर विरासत को छूकर उसे महसूस किया और उसके बारे में जानकारी ली। इनमें से एक 15 साल की हनी ने बताया कि उन्होंने राजा और रानी के महल, रानी पद्मावती का जल महल, कीर्ति स्तंभ और विजय स्तंभ भी देखा। सभी की हिस्ट्री के बारे में जानकारी ली। किस तरह से राजाओं ने अपने स्वाभिमान के लिए लड़ाई लड़ी उसके बारे में भी जाना। उन्हें जौहर स्थल भी बहुत पसंद आया।

सीखी हुई चीजों को लेकर बनाएंगे प्रोजेक्ट स्पेशल कोर्स में PHD कर चुके ममता मंदिर के डायरेक्टर डॉ. अतिन भाई जोशी ने बताया कि नॉर्मल बच्चों से ज्यादा इन बच्चों को संभालना इजी होता है। इन्हें कभी भी कोई ऑर्डर देने पर यह पूरा करते है। सब की बात मानते हैं। इनमें गजब का उत्साह होता है। काफी कुछ सीखने की जिज्ञासा होती है। इनको यहां लाने से पहले 4 दिसंबर को मैं आकर सारा अरेंजमेंट देखकर गया था, ताकि बच्चों के आने के बाद किसी को कोई प्रॉब्लम ना हो। इस टूर से बच्चे जो भी सीख कर जाएंगे, उसके आधार पर अलग-अलग प्रोजेक्ट बनाएंगे। उन्होंने बताया कि हमारे और उनके बीच में एक स्नेह बंधन है। यह बच्चे हमें अपने मां-बाप से बढ़कर मानते हैं। थोड़े ही दिनों में आसानी से उनके साथ एक अटैचमेंट हो जाता है। इस टूर में पहली क्लास से लेकर 12वीं क्लास तक के बच्चे है।

सोमवार 6 जनवरी को 125 दिव्यांग बच्चे 27 स्टॉफ के साथ, मंगलवर 7 जनवरी को 118 दिव्यांग बच्चे 28 स्टाफ के साथ चित्तौड़गढ़ टूर पर आए।

सोमवार 6 जनवरी को 125 दिव्यांग बच्चे 27 स्टॉफ के साथ, मंगलवर 7 जनवरी को 118 दिव्यांग बच्चे 28 स्टाफ के साथ चित्तौड़गढ़ टूर पर आए।

यहां से पढ़े हुए बालक ने यही टीचर की जॉब की जोशी ने बताया कि मुझे शुरू से ही दिव्यांग बच्चों के लिए कुछ करना था, लेकिन मुझे तब पता नहीं था कि इन बच्चों का कोई अलग से स्कूल होता है। जब मुझे इस बारे में पता चला कि मैंने इसी सब्जेक्ट पर अपनी पढ़ाई पूरी की। यहां से निकलने के बाद कई बच्चे अच्छी पोस्ट पर जॉब कर रहे हैं। हमारे साथ ही विनोद सुथार नाम का एक लड़का है जो पहले इसलिए स्कूल में पढ़ता था। वो भी मुखबधिर ही है। उसकी ड्राइंग बहुत अच्छी है। नेशनल अवार्ड भी जीत चुका है। उसकी पेंटिंग खुद एम.एफ. हुसैन ने भी ली है। आज वहीं लड़का हमारे स्कूल का टीचर भी है। वह चाहता था कि वह अपने जैसे कई बच्चों की मदद कर सके। इसलिए उसने यहां पढ़ाने का काम शुरू किया। यह टूर पूरी तरह से फ्री है।

14 साल की अंजू और श्रद्धा ने कृष्ण भगवान पर भजन गाया।

14 साल की अंजू और श्रद्धा ने कृष्ण भगवान पर भजन गाया।

खूबसूरती से पेश किया कृष्ण भजन टीचर फारूक भाई ने बताया कि मुख बधिर बच्चे जिस तरह से पेंटिंग में माहिर होते हैं। इसी तरह ब्लाइंड बच्चे म्यूजिक में माहिर है। इनमें से 14 साल की अंजू और श्रद्धा ने कृष्ण भगवान पर भजन गाया। इसके अलावा 13 साल के पृथ्वीराज ने भी अपना कंपोज किया हुआ गाना गया। बच्चों में 17 साल का कुलदीप लोंग जंप और 18 साल का हार्दिक बैडमिंटन में नेशनल तक खेले हुए है।

उत्साह के साथ देखा चित्तौड़गढ़ बच्चों का इशारे से सब कुछ सीखना, ब्लाइंड बच्चों का टच करके सब फील करना उनकी एक्साइटमेंट को दर्शाता है। बच्चों ने बहुत ही खूबसूरती के साथ विजय स्तंभ की विशालता, श्री सांवलियाजी मंदिर की भव्यता, रानी पद्मावती की खूबसूरती, राजा महाराजाओं के साथ मां मीराबाई की महान गाथा को बताया।

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