नई दिल्लीः योग गुरू बाबा रामदेव की कंपनी रुचि सोया के खिलाफ बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने बड़ी कार्रवाई की है. रुचि सोया के एफपीओ (Follow on Offer) में निवेश के लिए प्रेरित करने में गलत तरीका अपनाने के चलते मार्केट रेगुलेटर ने खुदरा निवेशकों को अपनी बोली वापस लेने का मौका दिया है. निवेशक 30 मार्च तक अपनी बोली वापस ले सकते हैं. सेबी बहुत कम मामलों में ऐसे फैसले लेती है.
सेबी (SEBI) ने पाया है कि बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के उपभोक्ताओं को रुचि सोया इंडस्ट्रीज लिमिटेड के 4,300 करोड़ रुपये के एफपीओ में निवेश के लिए कुछ अवांछित मैसेज (Unsolicited SMSes) भेजे गए. इसे देखते हुए ही नियामक ने खुदरा निवेशकों (Retail Investors) को यह मौका दिया है.
क्या लिखा था मैसेज में?
ग्राहकों को भेजे गए मैसेज में लिखा था, “पतंजलि परिवार के सदस्यों के लिए बड़ी खुशखबरी है. पतंजलि ग्रुप की कंपनी रुचि सोया इंडस्ट्रीज लिमिटेड का FPO खुदरा निवेशकों के लिए खुल गया है. 28 मार्च को यह इश्यू बंद हो जाएगा. यह 615-650 रुपये प्रति शेयर पर उपलब्ध है, जो बाजार भाव से 30 प्रतिशत कम है. आप अपने डीमैट (DMAT) अकाउंट से बैंक/ब्रोकर/यूपीआई के जरिये निवेश कर सकते हैं.”
कम रही खुदरा निवेशकों की रुचि
सेबी ने एफपीओ के प्रमुख बैंकरों को निर्देश दिया है कि वे ऐसे अवांछित मैसेज (SMS) को लेकर निवेशकों को आगाह करते हुए मंगलवार और बुधवार को अखबारों में विज्ञापन छपवाएं. रुचि सोया का एफपीओ 28 मार्च को बंद हुआ. इसका सब्सक्रिप्शन उम्मीद से कम सिर्फ 3.6 गुना रहा है. खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित हिस्से में सिर्फ 88 प्रतिशत बोली मिली है. क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशन इनवेस्टर्स (QIB) का हिस्सा 2.2 गुना भरा. सबसे अधिक 11.75 गुना अधिक बोली नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) के कोटे में मिली है.