वैष्णो देवी यात्रा में नववर्ष की पूर्व संध्या पर हुए हादसे में 12 श्रद्धालुओं की मौत के बाद एक बार फिर माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड को पुराने पर्ची सिस्टम व भीड़ होने की स्थिति में यात्रा को कई जगहों पर रोकने के उपायों को ही अपनाना पड़ रहा है। यह उपाय यात्रा में तभी से लागू थे जब श्राइन बोर्ड का गठन हुआ था लेकिन पिछले कुछ सालों से तब उन्हें त्याग दिया गया था जब कुछ अति उत्साही अधिकारियों की सलाह पर सारी भीड़ भवन पर ही एकत्र होने दी जा रही थी तथा पहले आओ पहले दर्शन करो की रणनीति को अपनाया गया था। नये
यात्रा प्रबंधन के तहत 13 किलोमीटर लंबे पैदल यात्रा मार्ग पर करीब 4 स्थानों पर हाल्ट प्वाइंट बनाए जाएंगें जहां उस स्थिति में यात्रियों के ग्रुपों को कुछ मिनटों या कुछ घंटों के लिए रोका जाएगा जब भवन पर भीड़ ज्यादा हो जाएगी। दरअसल पहले भी ऐसा ही होता था। तब प्रत्येक श्रद्धालु को पर्ची के साथ ग्रुप संख्या आबंटित की जाती थी और क्रमानुसार ही उन्हें आगे बढ़ने की अनुमति होती थी। हालांकि तब बाण गंगा और अर्द्धकुंवारी में दो ही हाल्ट प्वाइंट बनाए थे। पर अब चार स्थानों पर – कटड़ा, चरण पादुका, अर्द्धकुंवारी तथा सांझी छत- पर ऐसे चार हाल्ट प्वाइंट बनाने की संस्तुति की गई है।