प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह में बुधवार को ब्रह्मकमल फूल से सजी उत्तराखंड की टोपी पहनकर प्रदेश में 14 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले जनता से भावनात्मक संबंध जोड़ने का प्रयास किया। मोदी द्वारा पहनी गयी मसूरी के सोहम हिमालयी केंद्र में बनी यह टोपी शहर में दिन भर चर्चा का विषय बनी रही जहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और भाजपा ने इसे राज्य की संस्कृति और परंपरा का सम्मान बताया वहीं कांग्रेस ने इसे चुनावी नौटंकी करार दिया। सोहम हिमालयी केंद्र उत्तराखंड हिमालय
विरासत, संस्कृति और जातीयता को संरक्षित करने और उसे बढावा देने का काम करता है। धामी ने ट्वीट किया, ‘‘आज 73वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रह्मकमल से सुसज्जित देवभूमि उत्तराखंड की टोपी धारण कर हमारे राज्य की संस्कृति एवं परंपरा को गौरवान्वित किया है। मैं उत्तराखंड की सवा करोड़ जनता की ओर से उनका आभार प्रकट करता हूं।’’
प्रदेश भाजपा ने अपने आधिकारिक टि्वटर हैंडल पर लिखा है कि उत्तराखंड की आन-बान-शान की प्रतीक पहाड़ी टोपी पहन कर प्रधानमंत्री ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों को कृतज्ञ राष्ट्र की तरफ से राष्ट्रीय समर स्मारक पर श्रद्धांजलि दी। मसूरी से विधायक गणेश जोशी ने कहा कि यही कारण है कि प्रधानमंत्री उत्तराखंड के लोगों के ह्रदय में वास करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह दिखाता है कि वोकल फॉर लोकल प्रधानमंत्री के लिए केवल एक नारा नहीं है बल्कि एक प्रतिबद्धता है।’’ उन्होंने सोहम हिमालयी केंद्र के समीर और शिल्पकारों की उनकी पूरी टीम को टोपी बनाने के लिए धन्यवाद भी दिया। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने हालांकि, इसे महज एक चुनावी नौटंकी बताया और कहा कि प्रधानमंत्री चुनाव में लाभ उठाने के लिए हमेशा ही ऐसा करते हैं। प्रदेश पार्टी उपाध्यक्ष सुरेंद्र कुमार ने कहा कि पश्चिम बंगाल चुनावों में लाभ लेने के लिए उन्होंने अपनी दाढी बढा ली थी लेकिन चुनावों के बाद वह गायब हो गयी
उन्होंने कहा, ‘‘उत्तराखंड के चुनाव समाप्त होने के बाद लोग वैसे ही उत्तराखंड की टोपी ढूढेंगे जैसे पश्चिम बंगाल चुनाव के बाद गायब हुई उनकी दाढी ढूंढ रहे हैं। यह प्रधानमंत्री की केवल एक चुनावी नौटंकी है।’’ हालांकि, राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि इस प्रकार की भावनात्मक बातें मतदाताओं पर प्रभाव डालती हैं लेकिन समस्या यह है कि लगभग सभी पार्टियां ऐसा करती हैं। राजनीतिक प्रेक्षक जय सिंह रावत ने इस संबंध में हाल में कांग्रेस के एक कार्यक्रम का हवाला दिया जहां मंच पर मौजूद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत सभी नेताओं को उत्तराखंड की टोपी पहनाई गई और उसे उत्तराखंडियत की शान बताया गया।