अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि अगर रूस की सेना यूक्रेन की सीमा पार करती हैं तो उसे ‘हमला’ माना जाएगा और रूस को इसकी ‘भारी कीमत चुकानी पड़ेगी’। अमेरिका के वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को कुछ लोगों पर नए प्रतिबंध लगा दिए थे, जिन पर आरोप है कि वे यूक्रेन पर हमला करने में रूस की मदद कर रहे हैं। इस बीच रूस ने अपने 1 लाख से ज्यादा सैनिक और मिसाइलें यूक्रेन की सीमा पर तैनात की हैं। वाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा, ‘यह कार्रवाई रूस के प्रभावित करने वाले नेटवर्क का
और यूक्रेन को अस्थिर करने के लिए उसके खतरनाक एवं मौजूदा अभियान को बेनकाब करने के हमारे लंबे समय से चल रहे प्रयासों का हिस्सा थी।’ साकी ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘ये लोग यूक्रेन में, रूस के अस्थिर करने वाले अभियान का हिस्सा थे। हम यूक्रेन की सरकार के साथ खड़े हैं।’
रूस को इसकी भारी कीमत चुकानी होगी
साकी ने कहा कि वे देख रहे हैं कि रूस क्या कर रहा है और फिर हम उसे रोकते हैं। इसके बाद, बाइडन ने पत्रकारों से कहा, ‘मैंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को स्पष्ट कर दिया है…अगर रूसी इकाइयां यूक्रेन की सीमा पार करती हैं, तो उसे एक आक्रमण माना जाएगा। इसके गंभीर एवं समन्वित आर्थिक प्रभाव होंगे, जिसकी मैंने अपने सहयोगियों के साथ विस्तार से चर्चा की है और राष्ट्रपति पुतिन को इसकी स्पष्ट रूप से जानकारी दे दी है।’राष्ट्रपति ने आगाह किया, ‘इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि अगर पुतिन ने यह कदम उठाया तो, रूस को इसकी भारी कीमत चुकानी होगी।’ बाइडन ने इस बात पर जोर दिया कि वे साइबर हमलों, ‘ग्रे-ज़ोन’ हमलों और रूसी सैनिकों द्वारा अपनी वर्दी नहीं पहनने जैसे कृत्यों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर तैयार हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि रूस का आक्रमण करने के लिए प्रत्यक्ष सैन्य कार्रवाई के अलावा अन्य उपायों का उपयोग करने का एक लंबा इतिहास रहा है।