एक सूदखोर को गिरफ्तार किया गया है, जबकि चार आरोपी अभी भी फरार हैं।
सूरत के वेड रोड इलाके में रहने वाले मनपा में कार्यरत दो सगे भाई सूदखोरों के दबाव के कारण गंभीर आर्थिक संकट में फंस गए। 54 लाख रुपए की मूल राशि चुका देने के बावजूद भी सूदखोरों का दबाव जारी रहा, जिससे परेशान होकर एक भाई ने जहर पीकर आत्महत्या की कोशिश क
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विनोदभाई खोडाभाई परमार (उम्र 48) और उनके बड़े भाई जीतेंद्रभाई परमार सूरत महानगर पालिका में नौकरी करते हैं। विनोदभाई भटार वॉर्ड ऑफिस में सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत हैं। वर्ष 2008 में जीतेंद्रभाई ने अपने ही समाज के व्यक्ति बिपिन हेडंबा से 7% ब्याज दर पर 10 लाख रुपए उधार लिए थे। समय बीतने के साथ वे ब्याज चुकाने में असमर्थ हो गए और मजबूरी में अन्य चार सूदखोरों से भी पैसे उधार लेने पड़े। इस तरह कुल पांच सूदखोरों से 54 लाख रुपये उधार लिए गए। सूदखोरों के बढ़ते उत्पीड़न से तंग आकर 27 फरवरी को जीतेंद्रभाई ने जहर पी लिया, जिसके बाद उन्हें स्मीमेर अस्पताल में भर्ती कराया गया।
सूदखोर ने घर के दस्तावेज तक ले लिए जीतेन्द्रभाई ने 7% ब्याज पर 10 लाख, 5% ब्याज पर 15 लाख, 3% ब्याज पर 10 लाख, और 10% ब्याज पर 5 लाख रुपये उधार लिए थे। हालांकि, मूल राशि से कई गुना अधिक चुका देने के बावजूद सूदखोरों का दबाव जारी रहा। विनोदभाई ने भी 9 लाख रुपये उधार लिए थे और अब तक 25 लाख रुपये चुका चुके थे, फिर भी सूदखोरों ने उनके घर के दस्तावेज और 10 चेक लिखवाकर अपने कब्जे में कर लिए।”
विनोदभाई की शिकायत पर चौकबाजार पुलिस थाने में बिपिन हेडंबा, कन्हैया बारीया, मनोज विरास, प्रकाश सोसा और जिग्नेश जोगड़िया के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने बिपिन हेडंबा को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि अन्य चार आरोपियों की तलाश जारी है।