उदयपुर अहमदाबाद रेल मार्ग पर स्थित उदयपुर के ओढ़ा रेलवे पुल पर विस्फोट के तीसरे दिन राज्य सरकार के विशेष निर्देश पर SOG और इंटलिजेंस के ADG मंगलवार को मौका स्थल पर पहुंचे। दोनों ने करीब दो घंटे से ज्यादा वक्त तक एक-एक जगह पर सबूतों को देखा। इन अधिकारियों ने अपने नोट्स में लिखा कि हमले को पूरी प्लानिंग के तहत किया गया। इसका निशाना ट्रेन और ट्रेन में बैठे सैकड़ों यात्री थे।
उन्होंने कहा कि विस्फोट के बाद मिले सबूतों को देखते हुए प्राथमिक तौर पर इसे आतंकी हमला कहा जा सकता है। वही केन्द्र सरकार की ओर से भी एक स्पेशल टीम दोपहर मौकास्थल पहुंच जो रिपोर्ट तैयार करेगी। उसमें इसमें आधा दर्जन से ज्यादा आईपीएस अधिकारी शामिल है। इस मामले पर पीएमओ और गृह मंत्रालय की भी नजर है।
उदयपुर-अहमदाबाद ट्रैक पर ट्रेन का संचालन शुरू कर दिया गया है। मंगलवार को भी ट्रेन उसी ट्रैक से होते हुए उदयपुर पहुंची। रेलवे अधिकारियों के निर्देश पर सिटी रेलवे स्टेशन पर डॉग स्कवायड़ से चेकिंग हुई। स्टेशन के कौने-कौने पर चेकिंग की गई और कई जगहों से खस्ताहाल सामान को भी हटाया गया।
एसओजी के एडीजी अशोक राठौड़ और इंटलिजेंस के एडीजी एस सेंगथीर ओढ़ा पहुंचे थे। उनके साथ एटीएस और इंटलिजेंस के सभी अधिकारी मौजूद थे। उदयपुर एसपी विकास शर्मा और एटीएस के एएसपी अनंत कुमार भी उनके साथ मौजूद थे।एडीजी राठौड़ ने बारीकी से एक-एक चीज को समझा। इसके बाद अब तक एटीएस द्वारा की गई जांच के बारे में भी पूछा। इस पर एएसपी अनंत कुमार ने विस्तार से अब तक मिले सबूत और उसकी संभवानाओं के बारे में बताया। इसके बाद सराड़ा डीएसपी राजेन्द्रसिंह, जावरमाइंस थानाधिकारी अनिल विश्नोई समेत कुछ अधिकारियों को टास्क देकर मौके से रवाना कर दिया गया।
अशोक राठौड़ ने कहा कि इस केस पर चल रही जांच और क्या संभावनाएं हो सकती है। इस पर स्पॉट पर ही बातचीत की गई है। अभी कई सवाल हैं। इनके बारे में जानकारी मिलने के बाद स्थिति स्पष्ट होगी। मौकास्थल को देखते हुए ये तो लगभग स्पष्ट है कि ये हमला प्लानिंग के तहत किय गया।
इंटलिजेंस के एडीजी एस सेंगथीर ने कहा कि इस मामले में जांच जारी है। कुछ बता पाना जल्दबाजी विस्फोट की इंटेंसिटी और जो हालात उसे देखकर ये आतंकी घटना ही मानी जा सकती है। विस्फोट के पीछे डर और आंतक के साथ जनहानि की मंशा हो सकती है। इस हमले के पीछे संगठन या ग्रुप का हाथ है। ये अभी नहीं कहा जा सकता।
उदयपुर एसपी विकास शर्मा ने कहा कि इस मामले में अब तक किसी को नहीं पकड़ा गया है। दो दर्जन से ज्यादा लोगों से पूछताछ की गई है। किसी को डिटेल या गिरफ्तार नहीं किया है। केस में कड़ी से कड़ी जोड़ने के लिए 400 से ज्यादा पुलिसकर्मियों की टीम लगी हुई हैं। सेंट्रल आईबी, एनआईए और एटीएस के अधिकारियों के साथ मिलकर इस केस पर जांच हो रही है।