अपने भारत विरोधी रुख के कारण अक्सर विवादों में रहने वाले अमेरिकी सांसद इल्हान उमर ने अमेरिकी संसद में एक प्रस्ताव पेश किया है। इस प्रस्ताव में उन्होंने भारत को एक ऐसे देश के रूप में नामित करने की मांग की है जहां धार्मिक स्वतंत्रता की चिंताजनक स्थिति है। सांसद रशीदा तालिब और जुआन वर्गास ने भी प्रस्ताव का समर्थन किया है।
प्रस्ताव में अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग (USCIRF) की सिफारिशों को लागू करने का भी आह्वान किया गया। आयोग ने पिछले तीन वर्षों से भारत को “धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन पर विशेष चिंता” वाला देश घोषित करने की मांग की है।
इल्हान के प्रस्ताव को आवश्यक कार्रवाई के लिए विदेश मामलों की समिति को भेज दिया गया है। भारत को लेकर इल्हान का रुख नया नहीं है, वह भारत और कश्मीर को लेकर अक्सर विवादित कदम उठा चुकी हैं।
अप्रैल में पीओके दौरे को लेकर उठा था विवाद
इसी साल 20 अप्रैल को पाकिस्तान के 4 दिवसीय दौरे पर पहुंचे इल्हान ने पीओके का दौरा कर हंगामा किया था. भारत ने तब अमेरिकी सांसद के पीओके दौरे की निंदा की थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि उन्होंने इलाके का दौरा कर देश की संप्रभुता का उल्लंघन किया है. यह उमर की संकीर्ण सोच वाली राजनीति को दर्शाता है।
विवाद को बढ़ता देख अमेरिकी विदेश विभाग को इस पर सफाई देनी पड़ी। तब विदेश सचिव एंथनी ब्लिंकेन के वकील डेरेक चॉलेट ने कहा- यह एक अनौपचारिक और व्यक्तिगत यात्रा है। इसका अमेरिका या उसकी नीतियों से कोई लेना-देना नहीं है।
कौन हैं इल्हान उमर?
39 वर्षीय इल्हान उमर एक सोमाली-अमेरिकी राजनेता हैं, जो मिनेसोटा से चुनाव जीतकर 2019 में प्रतिनिधि सभा में आए थे। वह अमेरिकी कांग्रेस में पहुंचने वाली पहली दो मुस्लिम महिला सांसदों में से एक हैं। वह अमेरिकी संसद में पहुंचने वाली पहली सोमाली-अमेरिकी नागरिक भी हैं। मूल रूप से वह अफ्रीका की नागरिक भी रही हैं।