दिल का दौरा पड़ने के बाद भी आपका दिल पहले की तरह स्वस्थ रह सकता है। कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के एक हालिया अध्ययन में यह बात सामने आई है। वैज्ञानिकों ने शोध में पाया है कि हार्ट अटैक से मरने वाली कोशिकाओं को हार्मोन के जरिए पुनर्जीवित किया जा सकता है। खास बात यह है कि ये बिल्कुल नेचुरल होंगे। जो जीन थेरेपी प्रक्रियाओं के लिहाज से भी काफी फायदेमंद साबित होगा। अभी यह प्रयोग चूहों पर किया गया है। इसका मनुष्यों पर परीक्षण किया जाना बाकी है।
यदि परीक्षण मनुष्यों पर अच्छा काम करता है, तो यह जीवन बचा सकता है और उन लोगों के लिए रास्ता खोल सकता है जिन्हें दिल का दौरा पड़ा है। चूहों पर किए गए इस प्रयोग में एक सिंथेटिक मैसेंजर राइबोन्यूक्लिक एसिड का इस्तेमाल किया गया है। इस तकनीक में एमआरएनए डीएनए अनुक्रमों का एक ‘ब्लूप्रिंट’ बनाता है, जिसका उपयोग शरीर प्रोटीन बनाने के लिए करता है जहां प्रोटीन हमारी कोशिकाओं को बनाते और नियंत्रित करते हैं।
ऐसा करने में वैज्ञानिक का उद्देश्य mRNA को संशोधित करके विभिन्न जैविक प्रक्रियाओं के लिए अलग-अलग निर्देश देना है। यह संदेश दो तरह से उत्पन्न होता है। पहला – स्टैमिन के माध्यम से और दूसरा YAP5SA के माध्यम से। ये दोनों हार्मोन हृदय की मांसपेशियों के कार्डियोमायोसाइट्स को सक्रिय करते हैं। यह हृदय की मृत कोशिकाओं को पुनर्जीवित करने में मदद करता है। वैज्ञानिक चाहते हैं कि मृत कोशिकाएं नई कोशिकाओं की तरह दिखें।
दुनिया भर में होने वाली सभी मौतों में से 1 चौथाई के लिए दिल का दौरा पड़ता है
हार्ट अटैक एक गंभीर बीमारी है। दुनिया भर में सभी मौतों का एक चौथाई हिस्सा हृदय रोग का है। पिछले 20 वर्षों में, हृदय रोग से होने वाली मौतों की संख्या में 2 मिलियन से अधिक की वृद्धि हुई है। 2019 तक यह आंकड़ा 90 लाख तक पहुंच गया है।