महिलाओं का दिमाग पुरुषों की तुलना में ज्यादा गर्म होता है। क्रोध के संदर्भ में नहीं, तापमान के संदर्भ में। महिलाओं के दिमाग का तापमान पुरुषों की तुलना में आधा डिग्री ज्यादा गर्म होता है। खासकर दिन के समय महिलाओं के दिमाग का तापमान करीब 40.9 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है।
कैम्ब्रिज के एमआरसी लेबोरेटरी फॉर मॉलिक्यूलर बायोलॉजी के शोध में पाया गया कि शरीर का बाकी तापमान जहां 37 डिग्री सेल्सियस तक होता है, वहीं मस्तिष्क का औसत तापमान 38.5 डिग्री सेल्सियस होता है। हालांकि दिमाग के अंदरूनी हिस्सों के तापमान को 40 डिग्री सेल्सियस तक गर्म किया जा सकता है।
तापमान बढ़ने का कारण माहवारी भी है
शोध में पाया गया है कि मासिक धर्म चक्र महिलाओं में मस्तिष्क के उच्च तापमान का कारण बन सकता है। अनुसंधान में शामिल डॉ. जॉन ओ’नील ने कहा, “शोध में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि कभी-कभी मानव मस्तिष्क का तापमान बहुत अधिक बढ़ जाता है। अगर शरीर का तापमान इतना बढ़ जाता है तो यह बुखार की श्रेणी में आता है। ऐसे उच्च तापमान को उन लोगों में मापा गया है जिन्हें कभी सिर में चोट लगी हो।’
उम्र के साथ दिमाग का तापमान भी बढ़ता है
बढ़ती उम्र के साथ दिमाग का तापमान भी बढ़ता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि बढ़ती उम्र के साथ दिमाग की ठंडी होने की क्षमता कम होने लगती है। हालांकि, इस बात पर शोध करने की जरूरत है कि कहीं यह किसी मानसिक विकार के कारण तो नहीं है।