जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले को लेकर अमित शाह ने समीक्षा बैठक में अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं. शाह ने कहा कि कश्मीर में कोई नया आतंकी संगठन नहीं उभरा है, इसलिए उनका नाम लेने से बचें. बैठक में शाह ने कश्मीरी पंडितों की जारी हत्या पर चिंता व्यक्त की।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, शाह ने जम्मू पुलिस को बताया कि पाकिस्तान के रावलपिंडी से आतंकी साजिश रची जा रही है. ऐसे में नए संगठनों का नाम लेने से स्थानीय लोगों में डर और बढ़ जाएगा. उन्होंने कहा कि आतंकी घटनाओं के बाद पाकिस्तान समर्थक संगठनों के नाम बताएं ताकि दुनिया को पता चले कि पाकिस्तान किस तरह से कश्मीर में आतंक फैला रहा है.
कश्मीर में सक्रिय 2 आतंकवादी समूह
खुफिया इनपुट के मुताबिक, आईएसआई के इशारे पर जम्मू-कश्मीर में दो आतंकी संगठन सक्रिय हैं। इनमें लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद शामिल हैं। दोनों समूह मुख्य रूप से तहरीक-ए-इस्लामी और रेजिडेंट फ्रंट जैसे कई छोटे संगठन बनाकर आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देते हैं।
कश्मीर में बढ़ रही है स्थानीय आतंकियों की संख्या
जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ सालों से स्थानीय आतंकियों की संख्या बढ़ती जा रही है। 8 मई 2018 तक के अपडेटेड आंकड़ों के मुताबिक, 2019 में 121, 2020 में 181, 2021 में 142 और 2022 में 28 स्थानीय युवा आतंकी संगठनों का हिस्सा बन गए। इधर, कश्मीर में पिछले 4 महीने में 460 से ज्यादा आतंकी मारे गए हैं.