घाटशिला कॉलेज के पूर्व प्रचार्य डॉ पीके गुप्ता ने कहा कि आरोप सिद्ध करें, सहायक प्रोफेसर रवि रंजन ने अपने पक्ष में जमा किया दस्तावेजजगन्नाथपुर डिग्री कॉलेज जगन्नाथपुर के हिंदी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ रवि रंजन कुमार ने घाटशिल कॉलेज घाटशिला के पूर्व प्रभारी प्रिंसिपल डॉ पीके गुप्ता पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. साथ जबरन परेशान कर वेतन भुगतान रोकने की भी बात कहीं. सहायक प्रोफेसर के आरोप को पूर्व प्रचार्य डॉ पीके गुप्ता ने झुठा बताया. इस तरह का आरोप कुछ नहीं है. जबकि रवि रंजन ने कहा कि घाटशिला परिसर में मेरी बिना किसी गलती के कई मौकों पर लगातार परेशान किया गया था. जैसा कि जनवरी, 2022 के महीने (कोविड-19) में नियमित रूप से ऑनलाइन शिक्षण किया था और अगले महीने 3 और 4 फरवरी, 2022 के लिए चिकित्सा अवकाश प्रदान करने के लिए एक आवेदन किया था.
4 फरवरी की देर शाम को घाटशिला कॉलेज घाटशिला पहुंचा. लेकिन पूर्व प्रचार्य डॉ पीके गुप्ता ने मुझे उपस्थिति रजिस्टर पर हस्ताक्षर करने के लिए गलत तरीके से रोका. क्योंकि उक्त प्रिंसिपल ने उन्हें उस दिन के लिए उपस्थिति रजिस्टर में चिकित्सा अवकाश पर पहले ही चिन्हित कर दिया था. मैं दोबारा 7 फरवरी 2022 को कॉलेज पहुंचा और यहां तक कि अपनी निर्धारित कक्षा पीजी 7.30 से 9.30 सुबह और यूजी 10.30 से 11.15 तक और 12.30 से 1.15 दोपहर तक ली. लेकिन कॉलेज में डॉ पीके गुप्ता ने मुझे जबरदस्ती उपस्थिति रजिस्टर पर हस्ताक्षर न करने के लिए कहा और फरवरी, 2022 के पूरे महीने के लिये मेरा वेतन में कटौती करने की भी धमकी दी. जिससे मुझे अपने जीवन और आजीविका के अधिकार पर हमला लगा और मैं उस समय विरोध नहीं किया. क्योंकि उसने खुद 5, 6 और को मेरी उपस्थिति पत्र में एमएल लिख दिया था.
घाटशिला कॉलेज के बर्सर कोविड के दौरान कॉलेज पहुंचाघाटशिला कॉलेज घाटशिला के बर्सर डॉ संजय कुमार सिंह ने उप-मंडल अस्पताल, घाटशिला कोविड की रिपोर्ट 11 जनवरी 2022 के अनुसार कोविड (पॉजिटिव) परीक्षण किया गया था और उन्होंने स्वयं उक्त कोविड पॉजिटिव सरकारी अस्पताल की रिपोर्ट कॉलेज व्हाट्सएप ग्रुप में उसी दिन 11 जनवरी 2022 को दोपहर 12.04 बजे प्रसारित की थी. लेकिन कोविड पॉजिटिव परीक्षण के बाद भी उन्होंने 10 जनवरी 2022 के साथ-साथ 11 जनवरी 2022 और 12 जनवरी 2022 को अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी. तत्कालीन प्रधानाचार्य डॉ पीके गुप्ता द्वारा अनुमोदित किया गया है. सहायक प्रोफेसर डॉ रवि रंजन ने कहा कि एक कोविड रोगी संजय कुमार सिंह का कॉलेज में आना और अपनी उपस्थिति दर्ज कराना, उक्त कॉलेज के कई कर्मचारियों, शिक्षकों और बच्चों के जीवन को जोखिम में डालना जो कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम और झारखंड राज्य कोविड नियंत्रण मानदंड की अनुमति का पूर्णतया उल्लंघन है. इससे वे कई अन्य सहकर्मियों के स्वास्थ्य को खतरे में डाल सकते थे और प्रभावित कर सकते थे. सरकारी कोविड नियंत्रण मानदंडों के इस घोर उल्लंघन पर किसी तरह की करवाई नहीं हुई.
डॉ संजय कुमार सिंह के साथ-साथ डॉ पीके गुप्ता दो दिनों के लिए यानी 4 और 5 मार्च को छुट्टी पर थे और देवघर में थे. उन्होंने 6 मार्च 2022 को कॉलेज में सभी को ‘बाबा बैद्यनाथ प्रसाद’ वितरित किया था कि बैद्यनाथ धाम देवघर गया हुआ था. कॉलेज में सभी के लिए बाबाधाम की अपनी उक्त यात्रा के बारे में बतलाया था. मालूम हो कि उक्त तिथियों का उन्होंने उपस्थिति रजिस्टर पर हस्ताक्षर नहीं किया था और उसे खाली छोड़ रखा था. लेकिन 21 मार्च, 2022 के बाद यानी ‘होली अवकाश’ के बाद उपस्थिति रजिस्टर में पाया गया कि उक्त पूर्व प्राचार्य डॉ पीके गुप्ता ने दोनों तिथियों पर हस्ताक्षर किए थे. 4 और 5 मार्च, 2022 की तिथि पर यह निश्चित रूप से कार्य व्यवहार के प्रति उनकी तानाशाही और लापरवाही को दर्शाता है. उन्होंने अपने और अपने वफादार लोगों के फायदे के लिए प्राचार्य के कार्यालय का इस्तेमाल किया है और हमेशा उनके गलत कामों को बचाया है और दूसरी तरफ मुझे जानबूझकर परेशान कर किया.
किसी के आरोप लगाने से कोई आरोपी नहीं होता: डॉ पीके गुप्ता
लगातार न्यूज ने सहायक प्रोफेसर डॉ रवि रंजन द्वारा पूर्व प्रचार्य डॉ पीके गुप्ता पर आरोप लगाने के बाद मोबाइल से संपर्क किया गया. इस दौरान डॉ पीके गुप्ता ने कहा कि किसी के आरोप लगाने से कोई आरोपी नहीं होता है. प्रमाण करने की जरूरत है. मैंने उसे शॉल उढ़ाकर घाटशिला कॉलेज से विदाई किया. कॉलेज में उनका सम्मान किया जाता था. एक प्रभारी प्रिंसिपल किसी को भी प्रभार देकर बाहर जा सकते है.